विद्यापति नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत मऊ गांव में एक परिवार के गृह स्वामी, उनकी मां, पत्नी और दो मासूम पुत्रों की सामुहिक खुदकुशी करने के बाद उन शवों का पोस्टमार्टम समस्तीपुर सदर अस्पताल में किया गया। जहां गठित मेडिकल बोर्ड के चिकित्सकों की टीम ने उन शवों का अंत्यपरीक्षण कर रविवार की देर रात स्वजनों को सौंप दिया। गंगा की सहायक नदी वाया के तट पर उन शवों का दाह संस्कार प्रशासनिक देखरेख में रविवार की देर रात स्वजनों, रिश्तेदारों व ग्रामीणों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। उधर, एक ही घर से निकली पांच अर्थियों को देख गांव में गमगीन माहौल हो गया। एक घर से परिवार के सभी पांच लोगों की अर्थी एक साथ निकली तो हर किसी का दिल दहल उठा, तो परिजनो और रिश्तेदारों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वहीं, मौजूद लोगों की भी आंखें नम हो गई। हर कोई मनोज के इस फैसले को लेकर अपनी-अपनी दलीलें दे रहे थे। सभी पांचों शवों को मुखाग्नि मनोज के छोटे दामाद खुसरूपुर निवासी आशीष मिश्रा ने दी तो उपस्थित सैकड़ो लोगों की आंखें नम हो गईं। मौके पर सीओ अजय कुमार, एसएचओ प्रसुंजय कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे। परिवार के पांच लोगों की खुदकुशी में सूदखोरों का आतंक भी सामने आ रहा है। तीन लाख कर्ज का ब्याज के साथ सूदखोर 18 लाख मांग रहे थे। इसे लेकर परिवार को प्रताडि़त किया जा रहा था। मृतक मनोज की बड़ी बेटी काजल ने पुलिस को बताया कि दादा ने मेरी शादी में गांव के एक व्यक्ति से तीन लाख रुपये कर्ज लिए थे। वह ब्याज जोड़कर 18 लाख रुपये की मांग मेरे दादा और पिता से कर रहा था। हर दिन सूदखोर घर आकर गाली-गलौज करता था। इससे तंग आकर दादा ने पहले ही खुदकुशी कर ली थी। कुछ दिन पूर्व एक कर्ज देने वाला पिता जी का आटो लेते गया था। इससे घर की स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई थी। पिता के पास दो कमरे की झोपड़ी के अलावा कुछ नहीं था। घर के पास खाली थोड़ी सी जमीन पर भी लोगों ने कब्जा कर रखा है।