समस्तीपुर के चर्चित बंगरा पेट्रोल कटिंग मामले में पुलिस की किरकिरी हो रही है. खुले तौर उगाही कर धंधा चलवाने का पुलिस पर आरोप लग रहा है. रकम नीचे से लेकर उपर तक पहुंचाते रहने की कहानी सबके जुबां पर है. यही कारण है कि ऐसे अनेकों घटना घटी लेकिन पुलिस किसी भी मामले में कोई कारबाई नहीं कर सकी. यहाँ तक कि ऐसे मामले में वरीय अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध रही. उनके जांच- पड़ताल से भी तमाम घटनाएं अछूते रही.ऐसी ही घटना उक्त घटना के बगल में करीब साल भर पहले घटी थी. बड़ी संख्या में जान- माल की क्षति होने की संभावना थी पर समय रहते फायर ब्रिगेड आग पर काबू पा लिया था. इस मामले की भी लिपापोती कर दिया गया. इससे पूर्व एनएच किनारे ही फतेहपुर ट्रक ठहराव के पास पेट्रोल काटते वक्त टेंकर, पम्पसेट आदि धूं- धूंकर जल गया. घटना की खूब चर्चा हुई. फतेहपुर में दूध कटिंग करते टेंकर, पीकअप, पम्पसेट आदि को पकड़कर जनता ने पुलिस के हवाले कर दिया था. कारबाई का आश्वासन भी मिला पर आजतक कोई कारबाई सामने नहीं आया. जिले के पूर्वी सीमा दलसिंहसराय से लेकर पश्चिम बंगरा थाना तक दर्जनों जगहों पर पेट्रोल, डीजल, दूध आदि महंगे पदार्थों का कटिंग का खेल अनवरत चलता रहता है. कहीं पेट्रोल काटकर मिट्टी तेल मिलाने तो कहीं सलवेंट मिलाने तो कहीं दूध में नाले एवं गड्ढे का पानी मिलाने का धंधा खुलेआम चलता रहता है. इसमें पुलिस- प्रशासन समेत सत्ता से जुड़े दलों का मिलीभगत समय- समय पर सामने आता रहता है. एफआईआर भी दर्ज होता है पर कारबाई के नाम पर "ढ़ाक का फिर वही तीन पात" वाली कहावत चरितार्थ होता रहा है। पूरी खबर सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।