झारखंड राज्य के हज़ारीबाग़ जिला के टाटीझरिया प्रखंड से मिथलेश कुमार बर्मन मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में यात्री ट्रेनों की आवाजाही और वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं भी सील कर दी है। सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस का संक्रमण को रोकने के लिए उठाया है। सरकार की इस कार्यवाही से टाटीझरिया के सैकड़ों मजदूर मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, गुजरात के बड़े-बड़े शहरों में फंस गए हैं। राज्यों में फंसे मजदूरों के पास खाने-पीने का सामान भी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके पास पैसे हैं। वे प्रतिदिन वहां काम करते हैं तब खाते हैं। आज सब कुछ बंद है। ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गई है। प्रवासी मजदूरों ने सरकार से इस दिशा पर त्वरित समाधान निकाल कर राहत पहुंचाने की मांग की थी। इस खबर को मिथलेश कुमार बर्मन के द्वारा शीर्षक "लॉकडाउन को लेकर सैकड़ों मजदूर अन्य राज्यों में फंसे" के साथ 30/03/2020 को मोबाइल वाणी पर चलाया गया था। खबर प्रसारण के बाद इसे टाटीझरिया मेल नामक व्हाट्सएप ग्रुप, टाटीझरिया विकास मंच नामक व्हाट्सएप ग्रुप के अलावा कई व्हाट्सएप ग्रुपों तथा फेसबुक पर शेयर किया गया। इन ग्रुपों में क्षेत्र में कार्यरत पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा कई समाजसेवी सदस्य जुड़े हुए हैं। संवाददाता मिथिलेश कुमार बर्मन ने प्रवासी मजदूरों की समस्या तथा मनोदशा से टाटीझरिया बीडीओ शाइनी तिग्गा को भी व्यक्तिगत रूप से अवगत कराया। इस खबर का असर यह हुआ कि सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाते हुए मजदूरों की सहायता के लिए दो-दो हजार रुपए उनके खाते में भेजने का आदेश बीडीओ को दे दिया। इसके लिए दारू बीडीओ रामरतन बर्णवाल तथा टाटीझरिया वीडियो शाइनी तिग्गा ने सभी मुखिया को फंसे मजदूरों की सूची बनाकर मांगा है। इस सूची में नाम, खाता नंबर, आधार नंबर समेत अन्य जानकारियां मांगी गई है। दोनों प्रखंड में कुल 17 पंचायतें हैं। इसमें 17 मुखियाओं ने युद्धस्तर पर सूची बनानी शुरू कर दी है। टाटीझरिया के भराजो मुखिया राम प्रसाद कुशवाहा और दारू के रामदेव खरीका मुखिया वीरेंद्र यादव ने कहा है कि यह सूची 2 दिनों के अंदर प्रखंड में जमा करने का निर्देश दिया गया है ,हम लोग जल्द से जल्द सूची बनाकर जमा कर देंगे।दारू और टाटीझरिया के फंसे हुए मजदूरों को दो-दो हजार रूपए मिलने से तत्काल खाने पीने की समस्याओं से राहत मिलेगी।