झारखण्ड राज्य के हजारीबाग जिला टाटीझरिया प्रखंड से मिथिलेश कुमार वर्मन झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से दिनांक 14-04-20 को बताया कि झारखण्ड मोबाइल वाणी पर दिनांक 30-03-20 को एक खबर प्रसारित की गयी थी।खबर में बताया गया था कि वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में यात्री ट्रेनों की आवाजाही और वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। कई राज्यों ने अपनी सीमाएं भी सील कर दी है। सरकार की इस कार्रवाई से टाटीझरिया के सैकड़ों मजदूर मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद, सूरत, कोलकाता, गुजरात के बड़े-बड़े शहरों में फंस गए हैं। उन्होंने कहा है कि अब यह ज्यादा दिन तक वहां नहीं रह सकते। उनके पास खाने-पीने का सामान भी उपलब्ध नहीं है और ना ही उनके पास पैसे हैं। वे प्रतिदिन वहां काम करते हैं तब खाते हैं। ऐसे में उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गई है। इन लोगों ने सरकार से इस पर त्वरित समाधान निकाल कर राहत पहुंचाने की मांग की है।इस खबर के प्रसारण के बाद मजदूरों की समस्या को टाटीझरिया मेल व्हाट्सएप ग्रुप/ टाटीझरिया विकास मंच व्हाट्सएप ग्रुप, अपने फेसबुक वॉल समेत अन्य कई व्हाट्सएप ग्रुप में फॉरवर्ड किया। इन ग्रुपों में कई प्रवासी मजदूर समेत प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े हुए हैं। खबर सुनकर मुंबई व दिल्ली में प्रवासी मजदूरों के सहायतार्थ काम करने वाले स्वायत्तशासी सामाजिक संस्था झारखंडी एकता संघ इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आया। समस्या को लेकर झारखण्ड एकता संघ के केंद्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी से भी इस विषय में मोबाइल पर संवाददाता मिथिलेश कुमार वर्मन ने व्यक्तिगत बातचीत की। उन्होंने बताया कि झारखंडी एकता संघ अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए मुस्तैद है। बताया कि यह संस्था झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए कार्य करती रहती है। इस समय पूरा देश लॉकडाउन में हुए संकट से अधिक परेशान है। वैसे मैं यह संस्था न सिर्फ झारखंड के प्रवासी मजदूरों के लिए बल्कि देश के विभिन्न स्थानों में फंसे मजदूरों के लिए भी काम कर रही है। संस्था द्वारा अब तक 2500 से अधिक प्रवासी मजदूरों को चिन्हित कर डिजिटल पेमेंट के माध्यम से एक हजार रुपये राशन का खर्च राशि उपलब्ध कराया गया है। इससे प्रवासी मजदूरों को खाने-पीने में काफी राहत मिली है। इस कार्य में संघ के केंद्रीय अध्यक्ष असलम अंसारी, शदरुल शेख, संतोष कुमार, ताजुद्दीन अंसारी, असगर खान, रवि प्रसाद, अजहर सिद्दीकी, विनोद प्रसाद, राजेंद्र शर्मा, अब्दुल करीम, वकील अंसारी, काशीफुल्लाह, रफीक अंसारी, संतोष मंडल समेत कई लोग प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाने में काम कर रहे हैं।