इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?

साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?

दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।

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बिहार राज्य, मधुबनी जिला के राजनगर से रंजू कुमारी एक बच्ची अनसूया से बात कर रहीं हैं। अनुसुइया का कहना है की पेड़ों को नहीं काटना चाहिए और अपने घरों के आस पास पेड़ लगाना चाहिए, पेड़ से ोऑक्सीजन मिलता है, ठंडी हवा मिलती है पेड़ पौधा से फल और सब्ज़ी प्राप्त होता है आदि

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बिहार राज्य के मधुबनी से रंजू मोबाइल वाणी के माध्यम से कह रहीं हैं कि, पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए कारखानों को दूर करना चाहिए, कारखाना से प्रदूषण निकलता है और प्रदूषण के कारण पर्यावरण दूषित होता है। पहले के समय में इतना संसाधन इस्तेमाल नहीं होता था तो पर्यावरण भी शुद्ध रहता तहा लेकिन आज कल अधिक संसाधन के इस्तेमाल के कारण दूषित हो रहें हैं पर्यावरण। और पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे, क्यों की पेड़ों से ही ऑक्सीजन प्राप्त होता है

बिहार राज्य के मधुबनी ज़िला से हमारी श्रोता की बातचीत मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम रंजन कुमार ठाकुर से हुई। रंजन बताते है कि प्रदूषण मनुष्य के लिए हानिकारक है। मनुष्य के साथ जीव जंतु के लिए भी जहर है। हवा ,पानी व धुल के माध्यम से प्रदूषण शरीर के अंदर जाता है। प्रदूषण को रोकना बहुत ही ज़रूरी है।

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