नमस्कार दोस्तों, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। तेज़ रफ्तार वक्त और इस मशीनी युग में जब हर वस्तु और सेवा ऑनलाइन जा रही हो उस समय हमारे समाज के पारंपरिक सदस्य जैसे पिछड़ और कई बार बिछड़ जाते हैं। ये सदस्य हैं हमारे बढ़ई, मिस्त्री, शिल्पकार और कारीगर। जिन्हें आजकल जीवन यापन करने में बहुत परेशानी हो रही है। ऐसे में भारत सरकार इन नागरिकों के लिए एक अहम योजना लेकर आई है ताकि ये अपने हुनर को और तराश सकें, अपने काम के लिए इस्तेमाल होने वाले ज़रूरी सामान और औजार ले सकें। आज हम आपको भारत सरकार की विश्वकर्मा योजना के बारे में बताने जा रहे हैं। तो हमें बताइए कि आपको कैसी लगी ये योजना और क्या आप इसका लाभ उठाना चाहते हैं। मोबाइल वाणी पर आकर कहिए अगर आप इस बारे में कोई और जानकारी भी चाहते हैं। हम आपका मार्गदर्शन जरूर करेंगे। ऐसी ही और जानकारियों के लिए सुनते रहिए मोबाइल वाणी,

मोबाइल वाणी से सुकन्या योजना का पता चला

मधुबानी मोबाइल वानी के लिए , मैं पुलपास रेफरल अस्पताल से बात कर रहा हूँ । आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए मैं राशन कार्ड के साथ आधार कार्ड लाया , लेकिन मेरे किसी भी कार्ड को अस्वीकार नहीं किया गया । मैडम कह रही हैं कि लिंक खराब है

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राशन कार्ड के बाद ही बनेगा आयुष्मान कार्ड

साथियों गर्मी का मौसम आने वाला है और इसके साथ आएगी पानी की समस्या। आज की कड़ी में लाभार्थी रोहित से साक्षात्कार लिया गया है जो जल संरक्षण पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है।

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पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके

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नमस्कार मधुबानी महलवान राजनगर प्रखंड से बिली कुमारी मधुबानी महलवान मधुबानी महलवान में , हनपन के सबसे अच्छे दोस्त डोर बटाशी , मुझे विपक्ष के बारे में जानकारी दें जो मधुबानी महलवान पर भी अपनी बात रखना चाहते हैं । मर्द कर्ता चले बाजा सारी जी आना से मगा सिंपुरलया कहा कहा ली खाना बानी देते था उमर मी लाटी तो क्या खाना बानी चाहे आप तो क्या बोलती था साई ऐज में अस्पताल वो फाई करा मैं पासोन ल्युंग कालेगा अब वो राखी दिया था की शादु कोई जा तोखुनो शर्त से मुझे लगा वो लोगोन पर हलात गलत या से मोहब्बत । उसे गोशकुला कहाँ से मिला , हाँ , फिर महिलाओं ने लड़ाई की , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ , हाँ । बिहार को गाँव में खाना बनाना नहीं आता , भले ही बैंड पढ़ाता हो , यहाँ , अगले घर में , पुलिस स्टेशन में खड़ा हो , यह बहुत खास होना चाहिए । बड़ा खो रोगा , सरभी , जब पिता का घर बगल में नहीं होता है ।