बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम कागज पर भ्रूण हत्या की जा रही है धरने से अल्ट्रासाउंड खुलने जा रहा है जहां पर भ्रूण की जांच होती है और बेटियों को समाप्त कर दिया जाता है दूसरी तरफ बेटी के पढ़ने में लोगों की उदासीनता देखी जा रही है जहां पर लड़कों पर खर्च किए जा रहे हैं वही बेटियों के प्रति लोग उदासीन हैं नतीजा है बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए सारी कोशिश से खत्म की जा रही है सरकार इस पर करोड़ों रुपए खर्च करती है विज्ञापन और इस कार्यक्रम को धरती पर उतरने के लिए लेकिन साफ स्पष्ट रूप में देखा जा सकता है कि अभी तक यह कार्यक्रम धरती पर उतरा नहीं गया है नतीजा है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ कार्यक्रम अभी भी लोगों से दूर है या खासकर यह कहें कि बेटियों से दूर है।