बासोपट्टी में गुरुवार को शहर में जगह-जगह जुलूस-ए-मोहम्मदी धूमधाम से निकाला गया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय में एक अलग ही रौनक दिखाई दे रही थी। मानो, जुलूस में शामिल होने के लिए पूरा जनसैलाब ही उमड़ पड़ा हो। लोग हाथों में झंडे लिए झांकियां निकालकर जश्न में मिठाई बांट रहे थे। नगला मेवाती से शुरू हुआ जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ करीब सराय की दरगाह बोदला पहुंचा। काली मंदिर से लेकर पेट्रोल पंप तक फिर मस्जिद से जुलूस ए मोहम्मदी निकाली गई। वहीं, यह जुलूस बासोपट्टी बाजार से शुरू होकर बासोपट्टी के मस्जिद के पास ख़त्म हुआ। ये जुलूस पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहुअलैहवसल्लम के यौम-ए-पैदाइश के मौके हुआ। खास तौर पर बासोपट्टी में गुरुवार से जायरीनों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। पांच रोज़ा उर्स के पहले दिन यहां पर जुलूस पहुंचा। बताते चलें कि यहां शहर भर के जुलूस यहां सलाम पेश करने आते हैं और मुराद मांगते हैं। दरगाह नबी करीम के गददीनशीन शेख मोहम्मद शफीक बाबा लाल शाह कादरी के मुताबिक, रगाह अहाते के दरमियान मकबरे में 10 गुना 12 इंच के अनगढ़ से पत्थर पर कदम शरीफ मौजूद है। यह सीधे पैर का कदम शरीफ है। शहर ही नहीं दूर-दराज से लोग भी यहां आते हैं। दरगाह पर पांच रोजा उर्स सन 1947 से चला आ रहा है। मोहम्मद सलीम की सदारत में भी निकला जुलूस दूसरी ओर, यमुना पार नगला देवजीत के ज़ुहर की नमाज़ के बाद मोहम्मद सलीम की सदारत में भी जुलूस निकाला गया। मस्जिद क़ुबा, कच्ची सराए और ताजगंज में जुलूस मोहम्मदी हाफिज समी के सदारत में नमाज़ ज़ुहर के बाद निकला। दरगाह औलिया बाबा छिपीटोला आगरा में सज्जादानशीन हुसैन रशीदी की सदारत में निकाला गया।