जब तक हम प्रकृति का दोहन बंद नहीं करेंगे तब तक हमें प्राकृतिक आपदाओं का दंश भी झेलते ही रहना होगा। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।