चमकी बुखार से लू को पकड़ने के संभावित खतरे को देखते हुए प्रखंड जागरूकता अभियान की दशनी सुरांव पंचायत को अर्ध-चिकित्सा समन्वयक अवधेश कुमार गुप्ता ने चमकी बुखार की पहचान की। उन्होंने लू की रोकथाम और स्ट्रोक के कारणों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। ग्रामीणों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि गर्मी की लहर हर दिन बढ़ रही है, इस स्थिति में एक साल से लेकर पंद्रह साल तक के बच्चों में ई. एस. चाम बुखार होने की संभावना है, इसलिए आप लोगों को अपना ख्याल रखना चाहिए। बच्चों को अनावश्यक रूप से धूप में बाहर न निकलने दें। उन्हें पहले से जमे हुए पानी में नहाने से रोकें। घर में रहना, बार-बार उल्टी होना, काले और लाल चकत्ते आदि इसके लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत अपने आशा कार्यकर्ता या डॉक्टर से संपर्क करें, हर दिन खुद स्नान करें और अपने बच्चों को भी ले जाएं। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, अपने बच्चों को खाली पेट न सोने दें, ताजा भोजन करें, बासी भोजन करने से बचें।यह एक मौसमी समस्या है लेकिन इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है, तो यह मस्तिष्क के लिए खतरा है।