गांव के लोगों को आय, जाति, आवासीय या अन्य कार्यो के लिये प्रखंड या साइबर कैफे का शिकार नहीं होना पड़े इसके लिये सरकार ने हर पंचायत में आरटीपीएस काउंटर खोल दिया। शुरुआती दौर में तो कार्यपालक सहायक की प्रतिनियुक्ति की गयी और काम शुरु हुआ। वर्तमान स्थिति यह है कि हर पंचायत का आरटीपीएस काउंटर बंद हो गया। जहां तहां मुखिया की सजगता से पंचायत सरकार भवन में काम कर रहा है। गांव के लोग अपना जरुरी काम छोड़कर प्रखंड मुख्यालय में छोटे काम के लिये भी दिनभर समय गवां रहे है। पंचायत के आरटीपीएस काउंटर पर प्रतिनियुक्त कार्यपालक सहायक जिला में बुला लिये गये या प्रखंड मुख्यालय में सिफ्ट कर दिये गये। आम लोगों की परेशानी बरकरार है। जिले में 396 पंचायत है। 72 पंचायत सरकार भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। 50 पंचायतों में भवन का चल रहा है। जहां पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो चुका है वहां भी आरटीपीएस काउंटर चालू कर दिया जाये तो आम लोगों को सुविधा होगी।