आर्य कन्या प्राइमरी स्कूल नया टोला में कार्यरत शिक्षिका का नाम पटना के ही एक अन्य निजी स्कूल में भी है। जबकि वह निजी स्कूल छोड़ चुकी है। यू-डायस में जब शिक्षकों का ब्योरा भरवाया गया तो उनका नाम दो स्कूलों में पाया गया। यही स्थिति केंद्रीय विद्यालय कंकड़बाग में कार्यरत एक शिक्षक की भी है। केंद्रीय विद्यालय के साथ ही दूसरे निजी स्कूल के शिक्षक की सूची में भी उनका नाम मिला। राज्यभर में कुल 15,200 ऐसे शिक्षकों की पहचान हुई है। दरअसल यह निजी स्कूल का खेल है जो स्कूल छोड़ चुके शिक्षकों का नाम सूची से हटाते नहीं है। इससे शिक्षकों की कम संख्या को चालाकी से छुपाने की कोशिश की जाती है। बता दें कि यू-डायस पोर्टल पर सरकारी के साथ सभी निजी स्कूलों को तीन कॉलम भरने हैं। इसमें स्कूल की मूलभूत जानकारी के साथ शिक्षक और नामांकित छात्र-छात्राओं की जानकारी देनी है। जब शिक्षकों की जानकारी दी गयी तो कागज पर एक शिक्षक दो-दो स्कूलों में कार्यरत मिले। यह शिक्षक के आधार नंबर पर पकड़ में आया है। सबसे ज्यादा पटना जिला में सात सौ से अधिक ऐसे मामले सामने आए