किसी भी प्रतिष्ठान या दुकान को खोलने के पांच-दस दिनों में जिला श्रम कार्यालय में रजिस्ट्रेशन के प्रावधान के बावजूद नगर सहित जिले में मात्र 246 दुकान मालिकों ने ही दुकानों का लाइसेंस कराया है। नगर के मात्र 50 दुकानों या प्रतिष्ठानों के मालिकों ने ही दुकानों का लाइसेंस कराया है, जबकि नगर के विभिन्न क्षेत्रों जानपुल चौक से गांधी चौक, गाँधी चौक से लेकर छतौनी चौक, छतौनी चौक से ले बरियारपुर, जानपुल चौक से स्टेशन होते हुए बलुआ चौक व कचहरी चौक तक कई बिना लाइसेंसी दुकानें धड़ल्ले से चल रही हैं । सर्वेक्षण टीम में सम्बंधित क्षेत्र के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तथा अन्य कार्यालय कर्मी होते हैं। जो विधिवत दुकानों का सर्वेक्षण किया करते हैं। सर्वेक्षण के दौरान जितनी भी दुकानें या प्रतिष्ठान बिना लाइसेंस के पाये जायेंगे, उनके मालिकों को विभाग के द्वारा नोटिस भेजा जाएगा कि आप जल्द से जल्द अपने प्रतिष्ठानों का लाइसेंस करा लें। नोटिस के बावजूद लाइसेंस नहीं कराने पर प्रतिष्ठानों के मालिकों पर सीजेएम कोर्ट में अभियोजन दायर किया जाएगा। जिसके अंतर्गत एक वर्ष की कैद व आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है। कहते हैं अधिकारी जिला श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश बताते हैं कि अभी तक जिले के सभी नगर पंचायतों, नप,नगर निगम क्षेत्र में मात्र दो सौ पैंतालीस प्रतिष्ठानों का सर्वेक्षण हो पाया है ।अरेराज अनुमंडल क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम चल रहा है । वहीं ढाका अनुमंडल में दुकानों के सर्वेक्षण के लिए टीम दो-तीन दिन में रवाना होने वाली है।
