सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय और आईसीएसई की मानें तो कुल 2005 स्कूलों में से 805 स्कूलों ने नौवीं और दसवीं मान्यता के लिए संबंधित बोर्ड के पास ऑनलाइन आवेदन किया था। इन स्कूलों ने संबंधित जिला शिक्षा कार्यालय से यू-डायस का कोड लिया था। ई-संबंधन में भी निबंधित थे। लेकिन बच्चों का नामांकन कागज पर था। बच्चे निजी स्कूल और सरकारी स्कूल दोनों ही जगहों पर नामांकित थे। सरकारी योजना का लाभ उठा रहे थे। जब इन स्कूलों से बच्चों की जानकारी मांगी गयी तो जानकारी नहीं दी क्योंकि अगर देते तो आधार नंबर से तुरंत पकड़ में आ जाते।
