शहर में लावारिस कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। मुख्य मार्ग से लेकर गलियों में कुत्तों की जमात की भरमार है। पलक झपकते ही यह लावारिस कुत्ते बच्चे से लेकर राहगीर पर टूट पड़ते हैं। जब तक लोग बचाव करते तब तक कुत्ता काट ले रहा है। अमूमन हर महीने करीब एक हजार लोगों को कुत्ता काट रहा है। मिली जानकारी के अनुसार जिला में कुत्तों की भरमार है। जहां देखें वहीं लावारिस कुत्तों की जमात है।खास कर मांस,मछली की दुकान के आसपास, बस स्टैंड छतौनी, मीना बाजार, बलुआ चौक, चांदमारी, जनपुल चौक, स्टेशन रोड पर कुत्तों का आतंक ज्यादा है। राहगीर से लेकर सुबह टहलने वाले व रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड जाने वाले लोग ज्यादा कुत्ते के शिकार होते हैं। उन कुत्तों को शहर से हटाने के लिये निगम की ओर से कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई है। और न तो कुत्तों का बंध्याकरण हो रहा है। बताते हैं कि आवारा कुत्तों का आतंक व कुत्ता काटने पर एन्टी रेबीज के इंजेक्शन पर बढ़ रहे खर्च को ले तत्कालीन सीएस बीके सिंह ने लावारिस कुत्तों का बन्ध्याकरण का प्रस्ताव नगर परिषद सहित सरकार को भेजा था मगर कार्रवाई नहीं हो सकी। नतीजन हर साल कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है।