किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें
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परिषदीय विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित मिलने पर चार प्रधानाध्यापक और साथ सहायक अध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है प्रेरणा पोर्टल पर 16 से 23 जनवरी तक हुए निरीक्षण की समीक्षा के बाद या कार्रवाई बीएसए ने की है गैर हाजिर मिलने पर दो शिक्षामित्र और चार अनुदेशकों का भी मानदेय रोका गया है बीएसए ने सभी लोगों को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब तलब किया है जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापकों में बहरवा की गीता सिंह स्लेथु की ज्योति लुधावा मऊ की सविता कुमारी और सवैया राजे की प्रतिभा सिंह अनुपस्थित मिली, सहायक अध्यापकों में खुरमपुर के ज्ञानेंद्र सिंह लोध्वा मऊ के शमीम जहां बैहरवा की रूपाली सिंह मेलखा साहब की सीमा आर्य सवैया राजे के जैद हरीश मेलखा साहब की मंजू श्रीवास्तव और लोध्वा मऊ की आकांक्षा गुप्ता गैर हाजिर मिली, इन सभी का अनुपस्थित दिवस एक दिन का वेतन रोका गया है, बीएसए के मुताबिक शिक्षा मित्रों में छतिया की महजबीन सलिथु के चंद्रावल सिंह अनुदेशकों में मिल्खा साहब की किरण सिंह नीरज निर्मल व अनीता यादव खुर्रामपुर के राजीव कुमार अनुपस्थित मिले जिनका एक दिन का मानदेय रोका गया है
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार बीस तीन सालों में दुनिया के पांच बड़े व्यापारियों की संपत्ति में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिस समय इन अमीरों की दौलत में इजाफा हो रहा था, ठीक उसी समय पांच मिलियन लोग गरीब से और ज्यादा गरीब हो रहे थे। इससे ज्यादा मजे की बात यह है कि हाल ही में दावोस में हुई वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में शीर्ष पांच उद्योगपतियों ने एक नई रणनीति पर चर्चा और गठबंधन किया।
डीह सीएससी में गोल्डन कार्ड की प्रगति की समीक्षा बैठक हुई ,खराब प्रगति पर अधीक्षक ने 7 एनम और 7 सी एच ओ का 1 दिन का वेतन रोक दिया ,सीएससी अधीक्षक डॉक्टर तारीख इकबाल ने दीपिका पांडे मधुकरपुर की कल्पना पूरबनयन की दीक्षा तिवारी, का वेतन रोकने के अलावा एनम माया देवी सरिता चौधरी अंजू सरोज अंजना शुक्ला पूनम वर्मा एक दिन का वेतन रोकने की बात कही है।साथ ही उन्होंने बताया कि सभी को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है ।बैठक में ब्लॉक नोडल अधिकारी रामबरन रावत अरुण सिंह प्रदीप पांडे मदन लाल अजय सिंह मौजूद रहे।
दोस्तों, दुनिया भर में काम के घंटे घटाए जाने की मांग बढ़ जा रही है, दूसरी तरफ भारत काम के घंटों को बढ़ाए जाने की सलाह दी जा रही है। भारत में ज्यादातर संस्थान छ दिन काम के आधार पर चलते हैं, जिनमें औसतन 8-9 घंटे काम होता है, उस हिसाब से यहां औसतन पैंतालिस घंटे काम किया जाता है। जबकि दुनिया की बाकी देशों में काम के घंटे कम हैं, युरोपीय देशों में फ्रांस में औसतन 35 घंटे काम किया जाता है, ऑस्ट्रेलिया में 38 घंटे औसतन साढ़े सात घंटे काम किया जाता है, अमेरिका में 40 घंटे, ब्रिटेन में 48 घंटे और सबसे कम नीदरलैंड में 29 घंटे काम किया जाता है। दोस्तों, बढ़े हुए काम घंटों की सलाह देना आखिर किस सोच को बताता है, जबकि कर्मचारियों के काम से बढ़े कंपनी के मुनाफे में उसका हक न के बराबर या फिर बिल्कुल नहीं है? ऐसे में हर बात पर देशहित को लाना और उसके नाम पर ज्यादा काम की सलाह देना कितना वाजिब है? इस मसले पर अपना राय को मोबाईल वाणी पर रिकॉर्ड करें और बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, आप भले ही मुद्दे के पक्ष में हों या विपक्ष में, इसे रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन
दोस्तो, आज अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस है... यह दिन खासतौर पर उन महिलाओं को समर्पित है... जो काम तो पुरुषों के बराबर करती हैं पर जब वेतन की बात आती है तो उन्हें कम आंका जाता है... क्या आप भी ऐसी परिस्थितियों से गुजरे हैं? इस खास दिन पर आपके क्या विचार है.. फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.