एशिया स्पोर्ट क्लब में ताई कमांडो का बेल्ट टेस्ट कराया गया इसमें 28 खिलाड़ियों ने दमखम दिखाया इस दौरान सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों की प्रतिभा परखी गई। तकनीकी पहलुओं के साथ ही आत्मरक्षा का परीक्षण किया गया

फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म के सदस्य फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए कर रहे सहयोग उन्नाव, 16 फरवरी 2024 राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद के 10 ब्लॉक में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चल रहा है । इसी क्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करा रहे हैं । मंगलवार को ब्लॉक अचलगंज के ग्राम बदुवाखेडा की आशा कार्यकर्ता राजकुमारी जब गाँव में दवा खिलाने गई तो वहाँ पर कुछ लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने से मना कर दिया । अगले दिन राजकुमारी फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्य मुकेश को अपने साथ लेकर फिर से गाँव में गई और गाँव में मुकेश ने फाइलेरिया प्रभावित पैर को दिखाते हुए सभी लोगों को समझाया कि यदि आप दवा खा लेंगे तो फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से बचे रहेंगे। दवा सुरक्षित है और इस दवा को खाने के बाद कोई भी दिक्कत नहीं होती | यदि आपके अंदर फाइलेरिया के परजीवी हैं तभी आपको उल्टी, सिर भारी होना, चकत्ते आदि लक्षण हो सकते हैं । इससे आप परेशान ना हों बल्कि इसका मतलब है कि आपके शरीर में फाइलेरिया के परजीवी थे और दवा का सेवन करने के बाद वह परजीवी मर गए । परजीवियों के मरने के परिणामस्वरूप यह प्रीतिक्रिया हुई है । मुकेश ने समझाया कि अन्य जो लोग इस समय नहीं है वह लोग आशा कार्यकर्ता से मिलकर दवा ले लें और उसका सेवन करें । मुकेश के समझाने का परिणाम हुया कि सात लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने लोगों से अपील की है कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें । दवा पूरी तरह से सुरक्षित है | फाइलेरिया ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है । इससे बचाव ही प्रमुख विकल्प है । इस बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है । इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करें । जब भी वह दवा खिलाने आएं तो दवा का सेवन अवश्य करें । मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है । राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. जे.आर. सिंहने कहा कि यह दवा गर्भवती, दो साल से कम आयु के बच्चों और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है । फाइलेरिया से बचाव के लिये जरूरी है कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें और मच्छरों से बचें । जिला मलेरिया अधिकारी रमेश् यादव ने बताया कि आईडए अभियान के शुरू के चार दिनों में 4.5 लाख से अधिक लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया है । अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित स्वयंसेवी संस्थाएं सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च(सीफॉर), पीसीआई और पाथ सहयोग कर रही हैं । इसके साथ ही जनपद के 10 ब्लॉक में पेशंट नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं ।

फाइलेरियारोधी दवा खाएं, दवा सुरक्षित है : फाइलेरिया मरीज अमेठी, 16 फरवरी 2024 हमने दवा नहीं खाई तो आज इस मुसीबत मे पड़े हैं | चलने फिरने में दिक्कत है, परिवार पर बोझ हैं | हमने फाइलेरिया से बचाव की दवा नहीं खाई और आज फाइलेरिया से पीड़ित हैं | कम से कम तुम जन तो कुछ सीखो और फाइलेरिया से बचाव की दवा खाओ | आज जब दरवाजे पर लोग दवा खिलाने आए हैं तो काहे नहीं दवा खाए रहे हो | फाइलेरिया से बचाव की दवा खाओ और इस बीमारी से बचो | यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है | यह बातें जामो ब्लॉक के गांव कटारी निवासी फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्य 62 वर्षीय चंद्रिका प्रसाद ने ग्रामीण रजनी के घरवालों से कहीं | इन शब्दों का यह प्रभाव पड़ा कि रजनी सहित घर के कुल छह सदस्यों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया | क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता प्रीति कटारी बताती हैं कि मंगलवार को रजनी के परिवार के लोगों ने फाइलेरिया की दवा का सेवन करने से मना कर दिया था | अगले दिन बुधवार को हम चंद्रिका प्रसाद को लेकर रजनी के घर गए और चंद्रिका प्रसाद ने उपरोक्त बातों को बताया जिसके बाद लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया | इस बार अभियान में फाइलेरिया प्लेटफ़ॉर्म के सदस्य बहुत मदद कर रहे हैं | जिसका परिणाम है कि कुछ लोग विशेषकर नौजवान तो फाइलेरिया रोधी दवा मांग कर खा रहे हैं | फाइलेरिया प्लेटफ़ॉर्म के लोगों ने सर्वजन दवा सेवन अभियान(आईडीए) के शुरू होने से पहले ही लोगों को इसकी जानकारी देनी शुरू कर दी थी और अब अभियान के दौरान भी यह हमारे साथ घर-घर जा रहे हैं | मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अंशुमान सिंह ने कहा कि जनपद में 10 से 28 फरवरी तक आईडीए अभियान चल रहा है जिसके तहत लोगों को घर-घर जाकर और बूथ के माध्यम से फाइलेरिया रोधी दवा आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल खिलाई जा रही है | लोग अभियान में बढ़कर हिस्सा ले रहे हैं | जिसका यह परिणाम हुआ है कि अभियान के शुरू के चार दिनों में 22.16 लाख जनसंख्या के सापेक्ष पाँच लाख से अधिक लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया है | इस अभियान में स्वयंसेवी संस्था पीसीआई और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) सामुदायिक जागरूकता की गतिविधियां कर रहे हैं जिसके तहत विद्यालयों, पंचायत भवनों और कोटेदार की दुकानों पर गतिविधियां की जा रही हैं | इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन और पाथ संस्था तकनीकी सहयोग कर रही है | इसके अलावा पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं |

स्वास्थ्य सचिव सहित कई अधिकारियों ने किया फाइलेरियारोधी दवा का सेवन लखनऊ, 16 फरवरी 2024। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में 10 से 28 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चल रहा है। इसी क्रम में स्वास्थ्य सचिव रंजन कुमार, विशेष सचिव विनोद कुमार, पांच समीक्षा अधिकारी और अपर निदेशक, डा. एमके सिंह ने फाइलेरियारोधी दवा आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल का सेवन किया। इन दवाओं का सेवन स्वयं जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने करवाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि लोग फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें। इन दवाओं के सेवन से ही फाइलेरिया से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। इससे बचाव ही प्रमुख विकल्प है। इस बीमारी का केवल प्रबंधन ही किया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आईडीए अभियान के तहत लगातार तीन साल तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। राष्ट्रीय वेक्टरजनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डाॅ. गोपीलाल ने कहा कि यह दवा गर्भवती, दो साल से कम आयु के बच्चों और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित को छोड़कर सभी को खानी है। फाइलेरिया से बचाव के लिये जरूरी है कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करें और मच्छरों से बचें। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि उच्चाधिकारियों ने अभियान में सहभाग करते हुए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया और अपने-अपने कार्यालयों में अधीनस्थों से दवा का सेवन करने की अपील की। उन्होंने बताया कि अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पीसीआई और पाथ संस्थाएं सहयोग कर रही हैं। इसके साथ ही जनपद के पांच ब्लॉक बक्शी का तालाब, मोहनलालगंज, माल, सरोजिनी नगर और काकोरी में पेशंट नेटवर्क के सदस्य समुदाय को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

बच्चे के जीवन के शुरुआती 42 दिन बेहद महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया आशा मॉड्यूल छह और सात का प्रशिक्षण प्रशिक्षण प्राप्त सभी अधिकारी आशा कार्यकर्ताओं को करेंगे प्रशिक्षित लखनऊ, 16 फरवरी 2024। किसी भी नवजात के जीवन के शुरुआती 42 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, इस दौरान उसकी विशेष देखभाल की जरूरत होती है। इस अवधि में खतरों के लक्षणों की पहचान कर समय से चिकित्सीय जांच और इलाज कराकर किसी भी अनहोनी से बचा जा सकता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम (एचबीएनसी) चलाया जा रहा है। यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य डा. अजीत कुमार गुप्ता ने गुरुवार को इंदिरा नगर स्थित प्रशिक्षण केंद्र में बाल स्वास्थ्य पर आधारित 15 दिवसीय मंडलीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर कहीं । उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) और होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड (एचबीवाईसी) यानि गृह आधारित छोटे बच्चों की देखभाल कार्यक्रम पर जानकारी देने के साथ ही घरेलू हिंसा पर भी जानकारी दी गई | प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद यह प्रशिक्षक अपने-अपने जिलों में आशा कार्यकर्ताओं को नवजात और बच्चों की देखभाल,पोषण और घरेलू हिंसा रोकने के लिए प्रशिक्षण देंगे | कोर्स संचालक डा. गिरिजेश नंदिनी ने बताया कि एचबीएनसी के तहत आशा कार्यकर्ता बच्चे के जन्म के बाद 42 दिन के भीतर छह/सात बार संबंधित घर का भ्रमण करती हैं | इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी नवजात को अनिवार्य सुविधाएं उपलब्ध कराना, समय पूर्व पैदा होने वाले और जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों की शीघ्र पहचान कर उनकी देखभाल करना, नवजात की बीमारी का शीघ्र पता लगाकर समुचित देखभाल एवं रेफ़र करना, परिवार को आदर्श व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित एवं सहयोग करना तथा माँ के अंदर अपने नवजात के स्वास्थ्य की सुरक्षा करने का आत्मविश्वास एवं दक्षता का विकास करना है | एचबीएनसी कार्यक्रम का विस्तार करते हुए तीन से 15 माह के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देने, बाल रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और पोषण अभियान के एक हिस्से के रूप में साल 2018 में एचबीवाईसी कार्यक्रम शुरू किया गया था | इसके तहत आशा कार्यकर्ता बच्चे के जन्म से लेकर 15वें महीने तक कुल पाँच गृह भ्रमण करती हैं | 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में लखनऊ मण्डल के चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों तथा गैर सरकारी संगठन के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया | इनसेट --- गृह भ्रमण के दौरान आशा के कार्य --- एचबीवाईसी के तहत गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता बच्चे की माँ और परिवार के सदस्यों को छह माह तक केवल स्तनपान कराना, छह माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार शुरू करने की सलाह देना और इसे सुनिश्चित भी कराना, माँ को संतुलित एवं पौष्टिक आहार का सेवन करने की सलाह देना, बच्चे में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी समस्याओं को पहचानना तथा इन समस्याओं का प्रबंधन करने में सहायता करना, मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड का उपयोग करके बच्चों की वृद्धि और विकास में देरी की शीघ्र पहचान की सुविधा ,बच्चे का समय से टीकाकरण करवाना, आयरन फोलिक एसिड सिरप के सेवन की सलाह देना, डायरिया के समय ओआरएस के सेवन करने की सलाह देना, माँ और परिवार के सदस्यों को साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह देना | बचपन में होने वाली सामान्य बीमारियों की रोकथाम एवं प्रबंधन में सहायता करना | जटिलताओं का प्रबंधन करना एवं आगे के इलाज के लिए उच्च स्वास्थ्य केंद्र रेफ़र करना | इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता इसकी भी निगरानी करती हैं कि आयु के अनुसार बच्चा खेल रहा है और उसका अन्य के साथ संचार उपयुक्त है | आशा कार्यकर्ता को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है | इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 21 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण केंद्र के प्रधानाचार्य ने सभी को प्रमाणपत्र प्रदान किये | इस मौके पर डा. जीएस सिंह, प्रशिक्षक डा. एस.के. सक्सेना, अनीता पांडे, विनय एवं पवन कुमार मौजूद रहे |

*स्तन में सूजन की न करें अनदेखी, हो सकता है फाइलेरिया* - आईडीए के दौरान फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें *बाराबंकी*। फाइलेरिया जिसे आम बोलचाल की भाषा में हाथी पांव भी कहा जाता है। लेकिन यह बीमारी किसी भी महिला और पुरुष के लटकने वाले अंगों हाथों, पैरों, पुरुषों के अंडकोष और महिला के स्तन (ब्रेस्ट) को भी प्रभावित करती है। समय रहते अगर यदि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन नहीं किया गया तो इसका काेई निदान नहीं है। सीएमओ डॉ. अवधेश यादव ने बताया कि यदि किसी महिला के स्तन में लगातार सूजन बनी रहती है तो यह भी फाइलेरिया रोग हो सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को फाइलेरिया से बचाने के लिए बीती 10 फरवरी से सामूहिक दवा सेवन (आईडीए) अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिला रहें हैं। ऐसे में हर कोई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने ही दवा खाएं और अपने परिवार व आसपास के लोगों को भी यह दवा खाने को प्रेरित करें। इस दवा का सेवन दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। यह दवा उन लोगों को भी खानी है, जिन्हें फाइलेरिया नहीं है। दवा खाली पेट नहीं खानी है। उन्होंने यह भी बताया कि यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनका कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं, परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है। इनसेट --- *फाइलेरिया के लक्षण ---* एसीएमओ (वीबीडी) डॉ. डीके श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका संक्रमण सामान्यतः बचपन में ही हो जाता है। इसके लक्षण 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं। अचानक बुखार आना (आमतौर पर बुखार 2-3 दिन में ठीक हो जाता है), हाथ-पैरों में खुजली होना, एलर्जी और त्वचा की समस्या, हाथों में सूजन, पैरों में सूजन के कारण पैर का बहुत मोटा पड़ जाना, पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन होना, पुरुषों के अंडकोष व महिलाओं के स्तन में सूजन आना फाइलेरिया के लक्षण हैं। इनसेट --- *ऐसे करें बचाव ---* फाइलेरिया से बचाव के लिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों से बचना जरूरी है और मच्छरों से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी, कूड़ा और गंदगी जमा न होने दें। घर में भी कूलर, गमलों अथवा अन्य चीजों में पानी न जमा होने दें। सोते समय पूरी बांह के कपड़े पहने और मच्छरदानी का प्रयोग करें। यदि किसी को फाइलेरिया के लक्षण नजर आते हैं तो वे घबराएं नहीं। स्वास्थ्य विभाग के पास इसका पूरा उपचार उपलब्ध है। विभाग स्तर पर मरीज का पूरा उपचार नि:शुल्क होता है। इसलिए लक्षण नजर आते ही तुरंत ही सरकारी अस्पताल जाएं।

रायबरेली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लालगंज कार्यालय में संत रविदास सभागार में रामचरितमानस के पाठ के उपरांत हवन पूजन कार्यक्रम आयोजित किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक कौशल का मार्गदर्शन उपस्थित समूह को प्राप्त हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक राहुल ने अवध क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से उपस्थित अधिकारियों से परिचय कराया इस कार्यक्रम आयोजन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख स्वयंसेवक एवं संघ के पदाधिकारी मौजूद रहे उपस्थित लायक समग्र ग्राम प्रांत प्रमुख राज किशोर  प्रांत समरसता प्रमुख प्रांत के सह कार्यवाहक संजय पूर्व सदस्य विधान परिषद एवं भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय परिषद सदस्य राजा राकेश प्रताप सिंह जिला अध्यक्ष बुद्धि लाल पासी सुनील बौद्धिक प्रमुख श्रीमती किरण सिंह भाजपा नेत्री,युवा मोर्चा अध्यक्ष शिवम मिश्रा सहित विचार परिवार के समस्त सदस्य उपस्थित रहे।

पात्र व्यक्तियों को मिले योजनाओं का लाभ- प्रतिभा शुक्ला रायबरेली। प्रभारी (राज्य) मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने विकास भवन स्थित महात्मा गांधी सभागार में विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों से अब तक हुए विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की प्रगति जानी। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि आवारा पशुओं का उचित प्रबंध कराया जाए। गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराया जाए और गोवंशों को उसी में रखा जाए। समाज कल्याण अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि लाभार्थियों को समय से पेंशन का लाभ मिले। विद्युत विभाग को निर्देश दिया की लोगों का बिना वजह कनेक्शन ना काटा जाए। कार्रवाई करते समय जांच पड़ताल अवश्य कर ली जाए। जल विभाग को निर्देश दिया कि पाइप लाइन बिछाने का कार्य जल्दी पूरा किया जाए जिससे कि आवागमन में असुविधा ना हो। नगर विकास के संबंध में ईओ नगर पालिका को निर्देश दिया कि जल निकासी का उचित प्रबंधन किया जाए। घरों का कूड़ा इधर-उधर ना फेंका जाए उनका सही प्रकार से निस्तारण किया जाए। हर ग्राम पंचायत में कूड़ा घर बनाया जाए।

रायबरेली। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तरुण सक्सेना के निर्देशानुसार व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,रायबरेली के तत्वाधान में वृद्धजन आवास (वृद्धाश्रम), आई0टी0आई0 कैम्पस दूरभाष नगर, रायबरेली में वृद्धजनों के लिए विधिक साक्षरता जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया । इस अवसर पर अपर जिला जज/सचिव उमाशंकर कहार के द्वारा उपस्थित वृद्धजनों को यह बताया गया कि कैसे आप अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहे। इस अवसर पर वृद्धाजनों को उनके निःशुल्क अधिकारों के विषय पर जानकारी दी गयी एवं बताया गया कि किसी भी प्रकार की निःशुल्क विधिक सहायता के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायबरेली के कार्यालय में किसी कार्यदिवस में उपस्थित होकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस शिविर में वृद्धाश्रम के अधीक्षक धनजंय प्रताप सिंह, लेखाकार हिमाँशु सिंह, सेवादार नीलम श्रीवास्तव, पराविधिक स्वयं सेवक पवन कुमार श्रीवास्तव व खुशबू भारती आदि उपस्थित रही।

आईएमए की तरफ से 17 फरवरी को रीमाकान 2024 का आयोजन किया जाएगा इसी के लिए बुलाई गई प्रेस वार्ता के दौरान जिले के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया की देश में जिस तरह से हार्ट अटैक से मौतों का आंकड़ा बढ़ा है वह चिंता की बात है लेकिन नियमित दिनचर्या और उचित खान पान से काफी हद तक काबू पाया जा सकता है,कार्डियोलॉजिस्ट अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया की सभी लोगों को प्रतिदिन लगभग 40 मिनट का व्यायाम जरूर करना चाहिए खानपान में मोटे अनाज का सेवन करें और जंक फ़ूड से दूरी बनाएं जिससे हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में लगभग 30% से अधिक कमी लाई जा सकती है ।