उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से अजय कुमार दुबे मोबाइल के माध्यम से बता रहे हैं कि किसान नील गाय के वजह से बहुत परेशान हैं
विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा अवधानपुर भोजे म ऊ में आज रात बड़कवा सियार के पंजें का निशान एक आलू के खेत में दिखाई देने से गांव में बहुत हड़कंप मचा हुआ है,जिससे इस गांव के लोग बहुत भयभीत हैं, आईये जानते हैं, एक किसान से जो इस समय यही अपने खेत में ही मौजूद हैं, हम इनसे जानने का प्रयास करते हैं, की क्या है, यहां की हकीकत उन्हीं की जुबानी क्या है, कहानी
2 माह से ग्रामीणों के बीच रह रहा था सारस
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घरों के आसपास बोए गए सरसों की फसलों को कर रहे बर्बाद।
किसानों को छुट्टा जानवरों से नहीं मिल पा रही निजात, आखिर कब तक परेशान रहेंगे किसान।