सैकड़ों ग्राम पहरी चौकीदारों ने किया धरनाग्राम पहरी चौकीदार ने कलेक्ट्रेट परिषद के सामने दिया धरना
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा अमरयीं में एक संत पूज्नीय श्री श्री 1008 महन्त श्री दिनेश दास त्यागी जी महाराज का आगमन अपने परम शिष्य श्री मनोज कुमार पाण्डेय जी के निवास स्थान ग्राम सभा अमर ई के हनुमान मंदिर में बनें संत निवास में अपने भक्तों को दर्शन देगें,और तीर्थराज प्रयाग में लग रहे वर्षिक माघ मेले में अपने भक्तों को आने के लिए निमंत्रण परिवार सहित दिया अपने भक्तों को उन्होंने कहा की यदि हमारे किसी भी भक्त को दान करना है,तो वह निं: संदेह यथा शक्ति कुछ भी दान कर सकता है, जैसे पैसा गेहूं चावल आटा दाल चीनी आलू रिफाइन सरसों का तेल पोहा गिलास पत्तल लकड़ी पुआल सब्जी आदि,समग्रियां दान अपनी श्वेक्षा से कर सकते हैं, उन्होंने यह भी कहा की यदि हमारे भक्त के पास यदि देने के लिये कुछ नहीं है, तो उसके लिए कोई बाध्यता नहीं है, हम सभी को माघ मेला तीर्थराज प्रयाग के लिये आमंत्रित करते हैं, उन्होंने कहा जो भक्त दान देने लायक न हो वह हमारे माघ मेला खाक चौक में अवश्य पधारे आप सभी रानीगंज क्षेत्र वासियों एवं भक्तों का माघ मेला क्षेत्र में हार्दिक स्वागत करता हूँ,
कोतवाली देहात थाना अध्यक्ष विनीत उपाध्याय ने दिया निर्देश
प्रतापगढ़ में 18 जनवरी को श्री राम चरण पादुका यात्रा का होगा आगमन
हाई स्कूल इण्टर की मेधावी छात्राओं तथा खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को किया गया सम्मानित
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के रामापुर बाजार से लच्छीपुर जन सम्पर्क मार्ग पर आज शाम 4:30बजे भीषण जाम लग गया जिसके कारण रामापुर बाजार से लच्छीपुर रोड़ पर घंटों तक रोड़ पर चार पहिया वाहन और दो पहिया वाहनों की भारी भीड़ जमा हो गई जिसके कारण आज रामापुर बाजार में आने जाने वालों के लिये, बहुत बड़ी दिक्कत का सामना करना पडा़ , जिससे रामापुर बाजार में अफरा तफरी का महौल बना रहा तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को घंटों इंतजार के बाद उनको जाम से निजात मिल पायी
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभा में नील गाय का प्रकोप इतना बढ़ गया है, कि किसी भी समय आकर किसानों के सब्जी की फसल गेहूं मटर आलू प्याज़ टमाटर धनिया पुदीना आदि जैसी फसल को नील गाय सब खा ले रहें हैं, जिससे किसानों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, किसान दिनों रात मेनहत करता रहता है। लेकिन यदि किसानों से जरा सी भी कहीं कोई चूक हो जाए तो नील गाय अवसर पाते ही सारी फसल को खाकर लता गर्द कर देते हैं, यही सबसे बडा़ र्दुभाग्य है,
45 दिनों में होती है पहली तुड़ाई
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