मैं शैलेंद्र प्रताप सिंह मोबाइल वाड़ी में आप सभी का स्वागत करता हूं । आपको बता दें कि गांव में बना या लगाया गया सरकारी हैंडपंप टूटा हुआ है , जो बंद पड़ा है और चलने की स्थिति में नहीं है । प्यार में डूबा यह सरकारी हैंडपंप अपनी दुर्दशा बता रहा है कि साहब गांव में पानी की लत से जूझ रहे लोगों के लिए मेरी व्यवस्था की गई थी , लेकिन आज मैं टूटा हुआ और अपंग हूं , तो मैं दूसरों की प्यास कैसे बुझाऊंगा ? बाया कर दो और बहुत सारे हमले किए जाते हैं लेकिन ऐसा नहीं होता है या तस्वीर प्रतापगढ़ के एक विकास खंड मंगरौरा के सकरा बाजार की है , जहां सकरा बाजार में घरों या दुकानों के पास सरकारी हैंडपेपर लगाए जाते हैं । यह क्षतिग्रस्त है , इसमें उसके हाथ नहीं टूटे हैं , यह बंद है , इसकी मरम्मत भी नहीं की गई है , ग्राम प्रधान को भी इसके बारे में सूचित किया गया है , चाहे वह ग्रामीण हो या बाजार का व्यक्ति , लेकिन वे कहते हैं कि ग्राम प्रधान जो कहा जा रहा है उसे सुनने के लिए तैयार नहीं है । तो जैसे लोगों के साथ हमारी दुश्मनी है और हम लोगों की बातों पर ध्यान नहीं देते हैं , तो मुझे बताइए , श्रीमान , हम कहाँ जाएँ ? हम सुबह से पानी की कमी से जूझ रहे हैं । आप क्यों नहीं सुनते , अभी ग्राम प्रधान हमारे लिए कोई काम नहीं करता है , इसलिए आखिरकार , हम किसके पास जाते हैं और किसके पास जाते हैं , हम अपनी आपात स्थितियों का वर्णन करते हैं और उन्हें भी बताते हैं ताकि जो भी जिम्मेदार हो वह कहे कि हां ठीक हो जाएगा , लेकिन उन्हें ठीक होने में महीनों लगेंगे । लेकिन इसे अभी तक ठीक नहीं किया गया है और न ही ऐसा हुआ है , इसलिए सभी सुविधाओं के होने के बावजूद गांव में विकास की जो हवा चलनी चाहिए थी , वह कहीं न कहीं गलत रास्ते पर चली गई है और आम जनता से लेकर जनता तक जो परेशान हैं , जिम्मेदार लोग अब अपने हाथों में हैं ।