मैं आप सभी का शैलेंद्र प्रताप सिंह मोबाइल वडानी में स्वागत करता हूं । आपको बता दें कि गांव में विकास की नींव पर कुछ काम हुआ था , लेकिन तब से उनकी नींव रखी गई है । ये तस्वीरें बार - बार सामने आती हैं जो बताती हैं कि गाँव की स्थिति क्यों सुधरेगी , जब विकास के नाम पर बजाई जाने वाली ढोल आज कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं और तस्वीरें सब कुछ प्रकट करती हैं । वे भी सब कुछ समझा रहे हैं , लेकिन गाँव वालों में भी इसमें कुछ कमी है , जिसके कारण आज यह स्थिति पैदा हो गई है और यह हो रहा है कि गाँव का विकास लगातार नहीं हो रहा है । आखिरकार , इतना पैसा खर्च हो जाता है । वह पैसा कहाँ जाता है , चाहे वह सफाई के नाम पर हो , सड़कों या नालियों के नाम पर हो , गाँव में किसी भी तरह की कार्य योजना आती है , फिर उस पर काम करने के लिए बहुत सारे नियम - कानून बनाए जाते हैं , लेकिन वे सभी खाली रहते हैं । और जिन तस्वीरों से बाद में यह भी पता चलता है कि सभी नियम और कानून एक ऐसा खेल है जो अपनी इच्छानुसार काम करेगा , आम जनता इसके बारे में बहुत परेशान है । मामला विकास खंड मंगरौरा के सकरा गाँव का है , जहाँ गाँव में सड़क किनारे बांध है । यह जो नाला बनाया गया है वह बता रहा है कि इसकी दुर्दशा यह साबित कर रही है कि साहब विकास के नाम पर खोप ढोल बजाया जाता था , पतंगें बजाई जाती थीं , लेकिन सभी को बचाया जाता था और यह गंदगी जो ऐसी गंदगी है कि अब मच्छर चलने लगे हैं । मच्छरों ने इसमें जन्म दिया है और इससे सड़ते पानी की बदबू आ रही है जिससे लगातार बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है । गाँव के लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि समय क्या होगा और बहुत कुछ हो सकता है । लेकिन वे उनकी देखभाल करने वाले हैं ।