जिंदगी के हर पल खुशियों से कम न हो, आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो, ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो, जी हां दोस्तों ईद-उल-फितर जिसे आप लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते है।आज दुनिया भर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है और लोग एक दूसरे के गले लग कर बधाइयाँ दे रहे है और खुशियाँ बाँट रहे है। रमजान के महीने से ही ईद के जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है । बच्चों से लेकर बड़ों बूढों तक को ईद का इंतज़ार रहता है। ईद के मौके पर ईदी दिए जाने का रिवाज है। लोग अपने करीबियों को ईद की मुबारकबाद के साथ ईदी के रूप में तोहफे देते हैं ।नए कपड़े पहनते हैं, भव्य दावतें तैयार करते हैं।ईद मुस्लिम समुदाय के खास त्योहारों में से एक है और यह रमजान के आखिरी दिन सेलिब्रेट किया जाता है। ईद हमें एकता और आपसी सौहार्द का संदेश देता है और समृद्ध समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।लोग इसे उत्साह और बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।तो आइये हम भी इस जश्न का हिस्सा बने और समाज में शांति-सद्भाव और अमन का सन्देश फैलाये। दोस्तों,मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को ईद की ढेर सारी बधाईयाँ।

ऐसे मनाना होली का त्यौहार, पिचकारी से बरसे सिर्फ प्यार, यह मौका अपनों को गले लगाने का, तो गुलाल और रंग लेकर हो जाओ तैयार।होली के दिन हर जगह जश्न का माहौल होता है,भारत में होली बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है कई राज्यों में वसंत ऋतु के आगमन होते ही होली के त्यौहार की शुरुआत हो जाती हैं।होली के दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग व गुलाल लगाते हैं,घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।तो आइये दोस्तों हम भी मनाये बिना पानी के गुलाल और रंगो वाली सुखी और स्वस्थ होली। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से होली के शुभ अवसर पर आप सभी को ढेरो बधाइयां।

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मैं ओम प्रकाश गौतम गाँव पहाड़पुल सुदौर का निवासी हूँ बाल कौशाम्बी उत्तर प्रदेश मैं कहना चाहता हूँ कि शिक्षा के विषय स्कूल में बच्चे स्कूल जाते हैं । भोजन कानून द्वारा नहीं पकाया जाता है । कभी खीचड़ी में नमक नहीं होता , कभी सब्जी में तेल नहीं होता , कभी दाल में नहीं होता । मेरे पास लहसुन नहीं है , इसलिए कभी - कभी कच्ची रोटी होती है , कृपया इसके बारे में कानूनी कार्रवाई करें ।

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कौशाम्बी रेंजर सिराथू के द्वारा सूखे पेड़ का परमिट देकर हरे फलदार बृक्षों को काटने का नायाब तरीका तैयार किया गया हैं! इस तरीके से रेंजर और लकड़ी माफिया के खिलाफ कार्रवाई न हो हरे बृक्षो को बिना किसी भय के काटकर माफिया बेखौफ तरीके से बेच रहे हैं इससे पहले हरे बृक्षों का रेंजर द्वारा रसीद काटकर खुलेआम पेड़ काटने का लाइसेंस दिया जा रहा हैं वन विभाग के अधिकारियों के इस कारनामे से इलाके में प्रतिदिन दर्जनों हरे पेड़ बेखौफ तरीके से काटे जा रहे हैं निखलेश चौरसिया रेंजर के अवैध वसूली का नायाब तरीका उस समय सामने आया जब कोखराज थाना क्षेत्र के शहजादपुर रावंणा मेला मैदान के निकट हनुमान मंदिर के पास दो हरे वृक्ष महुआ के जुर्माना लगाकर लकड़ी माफिया को काटने की खुली छूट दे दिया, इससे सरकार की मंशा हरे वृक्षों को तैयार करने में रेंजर द्वारा पलीता लगाया जा रहा है जिससे पौधा रोपण को गंभीर संकट उत्पन्न है कोखराज थाना क्षेत्र के गंगा कछार में हरे वृक्षों को काटने का सिलसिला प्रतिदिन जारी हैं, इसी परिपेक्ष में वन विभाग के रेंजर निखलेश चौरसिया का नयाब तरीका सामने आया हैं हरे फलदार पेड़ों की कटान वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को फलीभूत हो रहा हैं, हाल ही में शहजादपुर ग्राम सभा के रावंणा मेला मैदान के पास स्थित हनुमान मंदिर के दो हरे महुआ के पेड़ों का रेंजर द्वारा वन माफिया को जुर्माना कर दिया गया, इसी तरह के हरे वृक्षों को काटकर माफिया काली कमाई कर रहे हैं, लकड़ी माफिया की काली कमाई में कई कर्मचारियों का हिस्सा लगना लाज़मी हो गया हैं, उधर पुलिस भी अपनी जेब भरने में पीछे नहीं है रेंजर के इस नयाब तरीके से सरकार की मंशा के बिपरीत हरे वृक्षों को काटकर पर्यावरण को दूषित किया जा रहा हैं, लोगों का आरोप हैं, कि रेंजर निखलेश चौरसिया अपने इस नए तरीके से सैकड़ो हरे आम, महुआ, नीम,के वृक्षों को आरा चलवा कर धराशही करा दिया हैं, क्षेत्र में निखलेश चौरसिया के खिलाफ इस नायाब तरीके को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है।

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