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लड़कियों और महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रही हिंसा रोकने के लिए शुरू हुए इस प्रोग्राम में आपका स्वागत है। किसी भी तरह की हिंसा रोकने के लिए समाज में रहने वालों के सोच-विचार बदलना बहुत ज़रूरी है।आज इस बारे में हम बात करेंगे पुरुषों के योगदान को लेकर और जानेंगे कि पुरुष किस तरह महिला कल्याण और सशक्तिकरण को बढ़ावा दे सकते है।पुरुषों की भागीदारी से जेंडर के नाम पर होने वाली हिंसा को कैसे ख़त्म किया जा सकता है। अपने विचार ज़रूर रिकॉर्ड करें, फोन में नंबर 3 दबाकर।
दोस्तों, अगर गौर किया जाए तो हमारे आसपास होने वाली छोटी—बड़ी लड़ाईयों, झगड़ों, बहस और नाखुशी के पीछे की वजह अधिकारों का हनन है। महिला है तो उससे आत्मनिर्भर बनने का अधिकार छीन लिया जाता है, बच्चा है तो पढने का, किसी से जाति के नाम पर तो किसी से गरीबी के नाम पर अधिकारों का हनन जारी है और यही है फसाद की वजह। आज जब हम 10 दिसंबर को मानव अधिकार दिवस मना रहे हैं तो फिर एक बार इस विषय पर बात करना जरूरी हो जाता है
उत्तर प्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की, इन्होने दिनांक 06-12-2023 को एक खबर प्रसारित किया था, इसमें उन्होंने अनिल प्रजापति से साक्षात्कार कर बताया था की अनिल प्रजापति का राशन कार्ड नहीं बन रहा था, जिसके वजह से अनिल प्रजापति को काफी समस्याओ का सामना करना पड़ रहा था। समस्या को देखते हुए विकेश ने झाँसी मोबाइल वाणी में ख़बर प्रसारित कर इससे सम्बंधित अधिकारियों से बात किया। खबर का बड़ा असर देखने को मिला और अनिल प्रजापति का राशन कार्ड बन गया है। इसके लिए अनिल प्रजापति झाँसी मोबाइल वाणी का धन्यवाद कर रहे है।
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"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा पूसा डिकंपोजर क्या है और खेत में इसके क्या लाभ है इसके बारे में जानकारी दे रहे है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
जेंडर हिंसा के खिलाफ चलने वाले इस कार्यक्रम, 'बदलाव का आगाज़', में आज सुनिए प्रियंका जी को, जिनका कहना है कि जब तक एक ट्रांसजेंडर या कहें ख़ुद को महिला और पुरुष के दायरे में ना रखने वाले हर इंसान को इंसान नहीं समझा जाएगा, उनके ख़िलाफ़ समाज में फैली हिंसा और नफ़रत कम नहीं होगी
Matdan hai jaruri
