आज बाजार में केमिकल युक्त सिंदूर की बड़े पैमाने पर बिक्री हो रही है जिसके इस्तेमाल से स्किन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के प्रतिष्ठित समाजसेवी व कृषि क्षेत्र के अपार ज्ञानवर्धक किसान अशोक तपस्वी ने अनोखी पहल की शुरुआत की है जिन्होंने लगभग 12 वर्ष पूर्व प्रयोग के तौर पर प्राकृतिक सिंदूर की आधुनिक खेती कर प्रयोग करने का फैसला लिया । अशोक तपस्वी ने बताया कि पुणे महाराष्ट्र से आकर अपने पैतृक गांव में लगभग 100 एकड़ बंजर जमीन को जैविक तकनीकी के द्वारा उपजाऊ बनाया उन्होंने मोबाइल वाणी से बातचीत करते हुए बताया कि लगभग 12 वर्ष पूर्व इस पौधे की जानकारी हुई थी जब वह पुणे महाराष्ट्र से अपने पैतृक गांव फतेहपुर आ रहे थे तभी रास्ते में मध्य प्रदेश के जंगल में सिंदूर का पौधा दिखाई दिया था जिसमें फल लगे थे जहां उस पौधे से सिंदूर के कुछ फल तोड़कर बीज निकालकर हाथ में मसल कर देखा तो उन बीजों से कलर निकलने लगा जो सिंदूर की भांति था रिसर्च करने के उद्देश्य से उन फलों के बीज से पांच-छह पौधे तैयार किया तब उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि सिंदूर का पौधा भी होता है प्रयोग करने के बाद जब पूर्णतया जानकारी हुई तो आज सिंदूर के पौधे लगाकर सिंदूर की आधुनिक खेती करने का फैसला लिया है और लाखों किसानों को रोजगार से जोड़ने का काम किया है किसान अशोक तपस्वी ने कहा कि इस समय सैकड़ो पौधे लगे हुए हैं जिले के छोटे-बड़े किसानों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर लाखों पौधे लगाकर शुद्ध ऑर्गेनिक सिंदूर की खेती करने का प्लान कर रहे हैं उन्होंने बताया कि एक पौधा लगभग ₹500 में बिक जाता है उनके पास दिल्ली तक के किसान सिंदूर के पौधे लेने आ चुके हैं अब तक फिरहाल 30 से 35 लाख की कमाई भी कर चुके हैं आने वाले समय में करोड़ों रुपए की कमाई कर सकते हैं क्योंकि अशोक तपस्वी ने लाखों पौधे लगाने का प्लान किया है । आपको बताते चलें की सिंदूर का पौधा साउथ अमेरिका एवं कुछ एशियाई देशों में उगाया जाता है और भारत में यह पौधा महाराष्ट्र वा हिमाचल के कुछ गिने चुनें इलाकों में पाया जाता है । यूपी में इसका प्रयोग इस किसान के द्वारा किया गया जो सफल होता नजर आ रहा है । अशोक तपस्वी से जब मोबाइल वाणी ने सिंदूर के महत्व को पूछा तो बताया कि वेद पुराणों के अनुसार सिंदूर का बहुत बड़ा महत्व है महिलाएं शादी के बाद क्यों सिंदूर लगाती हैं यह भी एक सोचने का विषय है । वही देखा जाए तो पौराणिक संत जो इसी सिंदूर के रंग से रंग कपड़े पहनते रहे होंगे इसको देखते हुए मैंने अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी के लिए सिंदूर से रंगे हुए वा डाई किए हुए कपड़े तैयार किया है हमारे यहां के ऋषि मुनि इसी सिंदूर का उपयोग करते रहे होंगे जो आज केमिकल युक्त सिंदूर बाजार में आ जाने से प्राकृतिक अर्गनीक सिंदूर का पौधा विलुप्त होता जा रहा है । बताया कि कई वर्षों से इसका अध्ययन मैं कर रहा हूं कि शादी के बाद महिलाएं क्यों सिंदूर लगाती हैं और गांवों में भी देखने को मिलता है की ग्रहण पड़ने के दौरान गर्भवती महिलाओं को नवजात शिशु वा मां को सिंदूर लगाया जाता है और हनुमान जी में भी सिंदूर चढ़ाया जाता है कहीं न कहीं रेडियेशन से बचने का एक कारण है जो आज सिंदूर का इतना महत्व है । आज इसी सिंदूर के पौधे से हम महिलाओं के लिए फेस पाउडर,लिपिस्टिक रंग,आदि तमाम शुद्ध अर्गनिक देशी प्रोडक्ट भी तैयार कर रहे हैं । तो आज की मोबाइल वाणी में प्रेरणा दायक खबर में बस इतना ही अगली खबर के लिए बने रहे हमारी मोबाइल वाणी के साथ ।