सर्दी में ठिठुर रहे गरीब, बीडीओ से जवाब तलब आवंटन में भी हुआ बड़ा खेल सीएम आवास योजना के लाभार्थी के चयन में 40 फीसदी दिव्यांगों को वरीयता दी गई है। बाकी पीएम आवास की तरह ही 14 बिंदु के मानक को बरकरार रखा गया है। लेकिन रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान ही कीमत तय कर मात्र दिव्यांगता प्रमाण पत्र को आधार बनाया गया। रकम देने से इंकार किश्त में बाधा का सबब बनती है। फतेहपुर, संवाददाता। पक्के आशियाने की चाहत में कच्चा घर गिरा चुके गरीब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। वजह, सर्दी की रात में खुले आसमान तले परिवार संग जिंदगी काटने को विवश हैं। दरअसल सीएम आवास निर्माण में जिम्मेदारों की हीलाहवाली ने रफ्तार पर ब्रेक लगा रखी है। लिहाजा पीडी ने लापरवाह तीन बीडीओ को नोटिस थमा जवाब तलब किया है। सीएम आवास योजना की रफ्तार को जिम्मेदार पलीता लगा रहे हैं। सत्यापन व जियो टैगिंग में हो रही देरी से जहां गरीब परेशान हैं, वहीं जिले की प्रगति रिपोर्ट खासी प्रभावित हो रही है। ब्लाकवर आवासों की समीक्षा में परियोजना निदेशक शेषमणि सिंह ने तीन ब्लाकों की बेहतरीन प्रगति पर धाता, भिटौरा व अमौली बीडीओ की सराहना की। वहीं लापरवाही से खफा पीडी ने विजयीपुर, असोथर व बहुआ बीडीओ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। साथ ही प्रगति में सुधार न होने पर कड़ी कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी है। प्रधानों के हस्तक्षेप से हो रही देरीसंवेदनहीनता की पराकष्ठा है कि लोग दिव्यांगों तक को नहीं छोड़ रहे। पीएम आवास की ही तर्ज पर सीएम आवासों में प्रधान व गुर्गों द्वारा उगाही का खेल शुरु है। बात न मानने पर जियो टैगिंग में देरी कर किश्त लेट करवाई जा रही हैं। नतीजतन निर्माण कार्य ठप हैं। हालांकि जहां प्रधानी हाईजैक है वहां उगाही चरम पर है। सीएम आवास पूर्ण कराने में 81.25 फीसदी की प्रगति रिपोर्ट से धाता ब्लाक सबसे आगे है। वहीं मात्र 16.06 फीसदी पर विजयीपुर ब्लाक में सबसे पीछे है। भिटौरा 60.71 दूसरे, अमौली 54 तीसरे स्थान पर है। पीडी शेषमणि सिंह ने बताया कि सीएम आवास योजना में 40 प्रतिशत तक के दिव्यांगों को वरीयता दी गई है,पात्रता के मानक पीएम आवास जैसे ही हैं। आवंटन में धांधली या उगाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।