युपी फतेहपुर जिले में बेमौसम बारिश किसानों परआफत बन टूट पड़ी। बुधवार आधी रात से रुक रुक कर बारिश में खरीद केन्द्रों में पड़ा हजारों कुंतल धान भीग गया। धान की खड़ी फसल भी खराब होने की आशंका है। रबी की बुआई प्रभावित होने और फूल संग लहलहा रही मिर्च, मटर की फसल पर व्यापक असर के आसार हैं। आलू के खेतों में पानी भरने से बीज सड़ने की आशंका है। अमौली क्षेत्र में हल्के ओले संग तेज हवा के साथ बारिश में गन्ने और बाजरे की फसल तहस नहस हो गई है।बारिश संग किसानों ने पकड़ा माथा जिले के 78 धान खरीद केन्द्रों में करीब हजारों कुंतल धान तौल के इंतजार मेंपड़ा था। रात शुरू हुई बारिश में जब तक किसान कुछ करते धान भीग गया। कैम्पस के निचले इलाके में पानी भर गया। असोथर केन्द्र में साढ़े तीन सौ कुंतल धान पूरी तरह भीग गया, लदिगवा, किशनपुर समेत केन्द्रों की हालत देख किसानों ने माथा पकड़ लिया। खेतों में मंसूरी धान को भारी नुकसान होने के आसार है।बुआई लेट,आलू की फसल सड़ने की आशंका करीब दस से 12 एमएल हुई बारिश के कारण बोई जा चुकी गेहूं व आलू के खेतों में पानी भर गया। जिससे सड़ने की आशंका है। पलेवा वाले खेतों में पानी भरने से बुआई प्रभावित होने की आशंका है। गन्ना और मटर की खेती को भारी क्षति का अनुमान है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि रबी की साठ फीसदी बुआई हो चुकी है। बारिश के कारण शेष बुआई और खेतों में कटी पड़ी धान की फसल के नुकसान होने की संभावना है।अस्त व्यस्त जनजीवन,निकले गर्म कप़ड़े बारिश से जनजजीवन अस्त व्यस्त हो गया। सर्दी बढने से लोग घरों में दुबके रहे। कामकाजी लोगों स्वेटर जैकेट के साथ बाहर नजर आए। स्कूलों और दफ्तरों में छुट्टी जैसा माहौल रहा है। कुछ बच्चे बूदाबांदी के बीच भीगते हुए जाते नजर आए।कीचड़ में खड़े गोवंश ठिठुरते रहे बारिश का पानी भरने से गोशालाएं कीच़ड़ में तब्दील हो गईं। सर्दी के बचाव के प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने के कीचड़ में खड़े गोवंश ठिठुरते रहे। बड़ी संख्या में बीमार मवेशियों की गोशाला में भीगने की हालत बिगड़ गई।उधर, नगरीय इलाकों में अलाव की व्यवस्था है न ही रैन बसेरा का इंतजाम है।