जिला पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रहरी के जन्म दिवस पर व्यापार मंडल के महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष कंचन गुप्ता ने कटरामहरानी तथा रायपुर फुलवारी में बालभोज का आयोजन किया ,साथ ही उनके दीर्घायु होने की कामना किया

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धनतेरस के पूर्व संध्या पर बाइक की विक्री बढ़ गई है

दीपावली त्यौहार आते ही मिट्टी के दियाली की मांग बढ़ जाती है बाजारो में दियाली की दुकाने सज गई हैं

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क्षेत्र में हुई बरसात से कम्पोजिट विद्यालय अमेठी परिसर में पानी भर गया है वह तालाब जैसा दिखाई पड़ रहा है

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उत्तरप्रदेश राज्य के अमेठी ज़िला से एमपी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मनसा राम मिश्र से हुई। ये बताते है कि महिलाओं जमीन में पूरा हिस्सा होना चाहिए ।भविष्य में उन्हें लाभ है ,कही आकस्मिक स्थिति आएगी तो वो जमीन से अपना जीवन यापन कर सकती है। कुछ लोग है ,देश में अभी भी रूढ़वादिता है जिस कारण महिलाओं को दर्ज़ा नहीं मिल पा रहा है। यह नहीं होना चाहिए। महिलाओं के प्रति रवैया बदलना चाहिये। हर एक क्षेत्र में महिलाओं को उनका अधिकार मिलना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला अमेठी से एम.पी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से नागेंद्र सिंह से हुई। नागेंद्र सिंह यह बताना चाहते है कि महिलाओं को जमीनी हक़ मिलना चाहिए। इस समय पुरुषों और महिलाओं का लिंगानुपात मामले में महिलाओं की संख्या काफी निंदनीय है और दिन-प्रतिदिन उनका जो आर्थिक पुनराथान हुआ है, जिस तरह से महिला सशक्तिकरण की बात आयी है, उसमे सबसे बड़ा लाभ यह है कि अगर उन्हें भूमि का अधिकार दिया जाता है, तो वे और अधिक सशक्त होंगे और अगर वे अपने परिवार में से एक हैं, अगर वह उत्तराधिकारी होते हैं तो कम से कम भूमि विवाद खत्म हो जाएंगे और यह महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। लेकिन गाँवों में आज भी पुरुष महिलाओं को भूमि का अधिकार देने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्यूंकि समाज का एक ऐसा वर्ग है जो समाज की मुख्यधारा से जुड़ा नहीं है, जो पुराने गांव की पुरानी चीजों के साथ चल रहा है जो शिक्षा और अन्य दृष्टि में बहुत पिछड़े हुए हैं वही पुरानी चीज़ों को लेकर चल रहा है और समाज में कई क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के अमेठी से एमपी मिश्रा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अम्बा सिंह से हुई। ये कहते है कि महिलाओं के नाम जमीन होना चाहिए। आगे अगर बच्चे बड़े हो गए , महिला के पास कुछ न रहे और बच्चे उन्हें नहीं पूछे तो आगे उन्हें दिक्कत होगा । महिलाओं के पास जमीनी अधिकार होना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में वो आगे अपना भरण पोषण करने लायक रहे