सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ अशोक झा धान की फसल के लिए धान के नर्सरी तैयारी करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी कोई मज़ेदार कहानी है, तो रिकॉर्ड करें, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

अरवल जिले के अरवल प्रखंड के बहादुर बीघा के चिंतन बीघा मे मॉडल सामुदायिक भवन के निर्माण का स्थानीय विधायक महानद जी ने शिलान्यास किया. यह भवन 30 लाख के लागत से बनेगा. ग्रामीणों ने बटाया के इससे दलित समुदाय के लोगों को बाराती ठहराने सहित समाजिक काम मे उपयोग से लाभ होगा

भारत में लोकतंत्र ने पहली बार जन्म लिया था !जिसने इससे पहले ना जाने कितनी कुर्बानियां देखी ,बलिदान और भारत माता के वीर सपूतों तो अपने अमूल्य प्राण न्योछावर करते देखा! इसी दिन हमारा संविधान भी तैयार हुआ था! वह संविधान जिसकी शपथ लेकर देश की अदालते फैसला लेती है !आज से 75 साल पहले साल 26 जनवरी 1950 को इसे गणतंत्र दिवस के रूप में चुना गया!

अरवल जिले के करपी प्रखंड के डोरा पंचायत के हामीनपुर गाँव के लोग खुले मे पीसीसी पथ निर्माण से बना हुआ स्कूल तक जाने वाले रास्ते पे करते हैं शौच. बच्चे इसी रास्ते से स्कूल जाते हैं

हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए... CTA: सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

देश में हर साल 26 नवम्बर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है ! यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का एहसास कराता है। जहां संविधान के दिए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक दिलाते हैं, वहीं इसमें दिए मौलिक कर्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारियां भी याद दिलाते हैं। 26 नवंबर 1949 का दिन आजाद भारत के इतिहास का बड़ा ऐतिहासिक दिन था!

Chath के अवसर पर ग्रामीण क्षेत्र के लोग arwal जिले के बाजार मे खरीदारी करने आय. जिससे बाजार की रौनक बढ़ी और. कहीं कहीं पर जाम की स्थिति उत्पन्न हुई जिसे parshashan के सहयोग से हल कर लिया गया.