शासकीय कन्या महाविद्यालय सिवनी में बहु भाषावाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रचार डॉक्टर पन्नालाल सनोदिया हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉक्टर अर्चना चंदेल सहित महाविद्यालय स्टाफ की गरिमा में उपस्थिति रही कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महाविद्यालय के प्रोफेसर श्री नरेंद्र भीमटे ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीयमातृभाषा दिवस का एक विश्व व्यापी वार्षिक उत्सव है जो भाषा ओ और संस्कृति विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है इसे सन 2002 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता दी गई इसी के साथ ही उन्होंने संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 राज्य राजभाषाओ व हिंदी के अनुच्छेद 343 से 351 तक भारत की राजभाषा हिंदी के विषय में छात्रों को जानकारी दी महाविद्यालय के अन्य प्रोफेसर मोहम्मद राशिद खान ने भी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के विषय में प्रकाश डाला व छात्राओं को हिंदी भाषा के महत्व व उपयोगिता के विषय में बताया कार्यक्रम संचालन प्रोफेसर हेमराज नागवंशी का समापन डॉक्टर ओमप्रकाश सवैया द्वारा किया गया इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर पंकज संडे श्रीमती लक्ष्मी मेश्राम सोहनलाल अहिरवार राकेश श्रीवास तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीl

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा प्याज व लहसुन फसल को कीटों से कैसे बचाये इस बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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उदास ने अपने संगीत कैरियर कई मशहूर गजलें, जिसमें चिट्ठी आई है, वतन से चिट्ठी आई है, उनकी लोकप्रिय गजल थी जिसने संगीत और देशप्रेम की सीमाओं के बाहर सुना गया। इसके अलावा आदमी खिलौना है, जैसी तमाम गजलें गाईं। जिससे उन्हें बेतहाशा प्रसिद्धि मिली, उन्हें जगजीत सिंह के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गजल गायक भी माना गया।

तमाम गैर सरकारी रिपोर्टों के अनुसार इस समय देश में बेरोजगारी की दर अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं सरकारें हर छोटी मोटी भर्ती प्रक्रिया में सफल हुए उम्मीदवारों को नियुक्त पत्र देने के लिए बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन कर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों को भी आमंत्रित कर रही हैं, जिससे की बताया जा सके कि युवाओं को रोजगार उनकी पार्टी की सरकार होने की वजह से मिल रहा है।

दोस्तों, हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे।अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार चुटकुला, तो रिकॉर्ड करें मोबाइल वाणी पर, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर और जीतें आकर्षक इनाम।

नमस्कार आज सोमवार 26 फरवरी है, मोबाइल वाणी पर आपका स्वागत है। सुनिये मध्यप्रदेश की आज की अहम खबरें। ---- हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे की खबरें भले ही अब न आ रहीं हों लेकिन यहां जमीन पर काफी कुछ हो रहा है। पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद स्थानीय पीड़ित परिवार भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि इस हादसे में उनकी जीवन भर की पूंजी खत्म हो गई लेकिन उन्हें बस सवा लाख रुपए मुआवज़ा देकर इतिश्री कर ली गई। पीड़ितों की यह भूख हड़ताल तीन दिनों से जारी है और अब तक तीन महिलाओं की तबियत बिगड़ चुकी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मामले में आज हरदा बंद बुलाया गया है। -- अमित शाह रविवार को मध्यप्रदेश दौरे पर थे। शाह का यह दौरा भाजपा संगठन को चुनाव के लिए तैयार करने के लिए था। सबसे पहले वे ग्वालियर पहुंचे जहां उन्होंने ग्वालियर-चंबल क्लस्टर प्रबंध समिति के साथ बैठक की। इसके बाद खजुराहो में बूथ कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया और फिर यहां भोपाल में प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित किया। शाह ने विपक्षी गठबंधन की तुलना कौरवों से की है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा देशभक्तों की टोली जैसी और दूसरी ओर परिवारवादी पार्टियों का गठबंधन खड़ा है। देश को इन दोनों ताकतों के बीच पसंदगी करनी है। --बेरोजगारी और पटवारी भर्ती परीक्षा में हो रही धांधली के लेकर रविवार को कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन NSUI ने भोपाल में मशाल जुलूस निकाला। इस मौके पर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और NSUI अध्यक्ष आशुतोष चौकसे भी शामिल हुए। आशुतोष ने मीडिया से कहा कि बेरोजगारी के अंधकार को उजाला दिखाने के लिए NSUI के साथियों और युवाओं के साथ हम मशाल मार्च निकाल रहे हैं। दोस्तों, आप मोबाइल वाणी पर प्रस्तुत मध्य प्रदेश के इन अहम समाचारों को लेकर क्या सोचते हैं हमें ज़रूर बताएं, आप मोबाइल वाणी की ऐप अपनी राय रिकार्ड कर सकते हैं या फिर अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाएं। आप अपने इलाके की खबरों को भी हमसे साझा करें, हम इन खबरों को मंच जरूर देंगे।

विवाह में गलत परंपराओं का निर्वहन आज भी हो रहा है। प्राचीन विवाह पद्यति में कई प्रकार की कुरीतियां और परपंराए थी जैसे होम हवन, सप्तपदी, कन्यादान हम आज भी उसकी समीक्षा करने की बजाए विवाह में उसे मानने लगे है। इतिहासचार्य राजवाडे के अनुसार प्राचीन काल में आज के जैसी बिजली की व्यवस्था यानी प्रकाश व्यवस्था नहीं थी तब आर्य के पूर्वज विवाह में खाना, पीना, नाचगाना, बैठना उठना, सोना, यमनक्रिडा जैसे जीवन की गतिविधियां अग्नीकुंड में जलने वाले आग के प्रकाश में होता थी। आज हम विवाह में यज्ञ होम करने लगे है जब कि यह प्रथा उस काल की प्रासंगिकता के अनुसार थी। उस काल में स़्त्री को पुरूष की उपभोग की वस्तू समझा जाता था, इस लिए तब विवाह में कन्या दान किया जाता था। कन्या दान करने के पीछे की धारना यही थी। यह सभी विषय आर्यो ने और बाद की पीढ़ी के पंडितों ने समाज में स्थापित करते है। आज इस की समीक्षा होने की आवश्यकता है।

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