समाज कि लड़ाई लड़ने वाले लोगों के आदर्श कितने खोखले और सतही हैं, कि जिसे बनाने में उनकी सालों की मेहनत लगी होती है, उसे यह लोग छोटे से फाएदे के लिए कैसे खत्म करते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब कोई प्रभावशाली व्यक्ति ने इस तरह काम किया हो, नेताओं द्वारा तो अक्सर ही यह किया जाता रहा है। हरियाणा के ऐसे ही एक नेता के लिए ‘आया राम गया राम का’ जुमला तक बन चुका है। दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं? आपको क्या लगता है कि हमें अपने हक की लड़ाई कैसे लड़नी चाहिए, क्या इसके लिए किसी की जरूरत है जो रास्ता दिखाने का काम करे? आप इस तरह की घटनाओं को किस तरह से देखते हैं, इस मसले पर आप क्या सोचते हैं?
मध्यप्रदेश राज्य के सिवनी ज़िला से अनिल दिनेश्वर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि केओलारी विधानसभा के तहत खुर्जीपार ,सकरी ,अरंडिया, नसीपुर और बागडोंगरी रेत खदानों का संचालन किया जाता है। इन रेत खदानों से निकाली गई रेत का उपयोग अनुसूचित जाति, जनजातियों के श्रमिक सदस्यों और कारीगरों , ग्रामीण लोगों द्वारा अपने स्वयं के उपयोग के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। कलेक्टर को पत्र लिखते हुए विधायक ठाकुर रजनीश सिंह ने कहा, "मुझे जानकारी मिली है कि बालाघाट कलेक्टर ने निम्नलिखित नियमों के तहत निर्देश जारी किए गए हैं, अतः विधायक ने जिला कलेक्टर को मध्य प्रदेश रेत खनन परिवहन भंडारण और व्यापार नियम 2019 के नियम चार दो के अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति के श्रमिक सदस्य के रूप में काम करने के लिए कहा। ।
भारत में जहां 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में एक तरफ राजनीतिक दल हैं जो सत्ता में आने के लिए मतदाताओं से उनका जीवन बेहतर बनाने के तमाम वादे कर रहे हैं, दूसरी तरफ मतदाता हैं जिनसे पूछा ही नहीं जा रहा है कि वास्तव में उन्हें क्या चाहिए। राजनीतिक दलों ने भले ही मतदाताओं को उनके हाल पर छोड़ दिया हो लेकिन अलग-अलग समुदायो से आने वाले महिला समूहों ने गांव, जिला और राज्य स्तर पर चुनाव में भाग ले रहे राजनीतिर दलों के साथ साझा करने के लिए घोषणापत्र तैयार किया है। इन समूहों में घुमंतू जनजातियों की महिलाओं से लेकर गन्ना काटने वालों सहित, छोटे सामाजिक और श्रमिक समूह मौजूदा चुनाव लड़ रहे राजनेताओं और पार्टियों के सामने अपनी मांगों का घोषणा पत्र पेश कर रहे हैं। क्या है उनकी मांगे ? जानने के लिए इस ऑडियो को सुने
सिवनी सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण सिवनी ने बताया कि शासन द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवा युवतियों को स्वयं का रोजगार स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री उद्यम योजना एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना संचालित है जिसके तहत 10 हजार से 50 लाख तक स्वरोजगार हेतु आवेदक हितग्राहियों के द्वारा सेवा उद्योग व्यवसाय के लिए आवेदन किया जा सकते हैं हिसग्रहियों को इकाई लागत का तीन प्रतिशत ब्याज अनुदान की सुविधा दी जाएगी आवेदक द्वारा एमपी ऑनलाइन के समस्त पोर्टल के माध्यम से आवेदन पत्र ऑनलाइन किया जाना है विस्तृत जानकारी हेतु कार्यालय सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सिवनी से संपर्क कर सकते हैंl
मध्यप्रदेश राज्य के सिवनी जिले से अनिल दिनेशवर ने मोबाईल वाणी के माध्यम से शेर के शिकार करने वाले पकड़े गए की बात बताई
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दिलदार हुसैन प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, जमीन आदिवासी की खरीद कर नाम किया गया प्रेम शंकर बाडिया आदिवासी तामिया छिंदवाड़ा के नाम दिलदार ढाबा के ऊपर भारत का तिरंगा लगा हुआ है जो की नियम के विरोध है, संचालक दिलदार हुसैन का ढाबा छपारा वन मंडल के जंगल मैं लगे सागोन के वृक्षों को सुखा दिया गया है, आदिवासी से ली गई जमीन में लगे सागोन के वृक्ष भी सूख चुके हैं, लाखों की संपत्ति हो रही है, नष्ट जिम्मेदार विभागीय अधिकारी कर्मचारी आज तक कुंभकरण की नींद में सो रहे हैं, बाहर से आए ढाबा संचालकों की आज दिनांक तक क्यों नहीं हुई जांच, दिलदार ढाबा के सामने सैकड़ो की तादात में खड़े रहते हैं ट्रक सागोन के खड़े सूखे वृक्षों के, हादसा के शिकार बन सकते हैं ट्रक ड्राइवर कंडक्टर।