दोस्तों 5 सितंबर भारतीय कैलेंडर में एक स्मारक दिवस है, जो एक महान दूरदर्शी शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है । इस दिन शिक्षकों द्वारा की गई उन सभी अथक सेवाओं को याद किया जाता है जो युवा भावी पीढ़ियों के दिमाग को आकार देती हैं। तो आइये साथियों आज के दिन हम और आप सभी मिलकर शिक्षकों को उनके योगदान के लिए कोटि कोटि धन्यवाद कहें। और साथ ही समस्त मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
मध्य विद्यालय भोड़हर छुट्टी के बाद खुलते ही 300 छात्र-छात्राएं उपस्थित,09 में से 04 शिक्षक अवकाश में थे
मध्य विद्यालय नवाबगंज में छात्र अनुपात आठ शिक्षकों की कमी बच्चों को शिक्षण कार्य में हो रही परेशानी
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में एक महिला क्या सोचती है... यह जानना बहुत दिलचस्प है.. चलिए तो हम महिलाओं से ही सुनते हैं इस खास दिन को लेकर उनके विचार!! आप अपने परिवार की महिलाओं को कैसे सम्मानित करना चाहेंगे? महिला दिवस के बारे में आपके परिवार में महिलाओं की क्या राय है? एक महिला होने के नाते आपके लिए कैसे यह दिन बाकी दिनों से अलग हो सकता है? अपने परिवार की महिलाओं को महिला दिवस पर आप कैसे बधाई देंगे... अपने बधाई संदेश फोन में नम्बर 3 दबाकर रिकॉर्ड करें.
अररिया जिला के पलासी प्रखंड क्षेत्र के चौरी बर्दबट्टा में महिला दिवस के अवसर पर बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिये नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के अररिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता ने राजेंद्र सिंह से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की अभिभावक गरीबी के कारण अपने लड़कियों को पढ़ा नहीं पाते हैं। ये बच्चियां घर के कामों में ही उलझी रहती है। सरकारी स्कूल की व्यवस्था खराब होती है। कई शिक्षक स्कूल कभी -कभी ही आते हैं
बिहार राज्य के अररिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता ने कई महिलाओं से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की लड़कियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार के कारण तो लड़कियों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है। इसके साथ ही कई बार अभिभावक बच्चों की पढ़ाई में खर्च करने जगह उसी पैसे से उनकी शादी कर देते हैं। सरकारी स्कूल में व्यवस्था भी ठीक नहीं है। शिक्षक बच्चों को पढ़ने में बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं
बिहार राज्य के अररिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता ने अब्दुल से बातचीत की। जिसमें उन्होंने जानकारी दी की निजी स्कूल में पढ़ाने के पैसे नहीं है। सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती है। ऐसे में कोई कैसे पढ़ाई पूरी कर पायेगा। अभिभावक के पास रोजगार ही नहीं है, थोड़ा बहुत पैसे आता है, तो उससे घर खर्च चलाया जाता है। सरकारी स्कूल में आ रहे शिक्षक बच्चों की पढ़ाई पर कोई ध्यान नहीं देते हैं
बिहार राज्य के अररिया जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता ने शहनवाज से बातचीत की। जिसमें उन्होंने बताया की इकोनॉमिक कंडीशन के कारण लड़कियां पढ़ नहीं पाती है। इसके साथ ही लड़कियों को बाहर पढ़ने नहीं भेजा जाता है। गांव में भी अब कोचिंग और स्कूल हैं, तो अब वो पढ़ पाती हैं। लेकिन कई बार घर की परिस्थिति तो कभी अभिभावक की सोच बच्चियों की पढ़ाई अधूरी रह जाती है
प्राथमिक विद्यालय खोपड़ियां,भोड़हर में सरस्वती पूजा नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश