सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

बीते दिनों महिला आरक्षण का बहुत शोर था, इस शोर के बीच यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए की अपने को देश की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाले दल के आधे से ज्यादा भू-भाग पर शासन होने के बाद भी एक महिला मुख्यमंत्री नहीं है। इन सभी नामों के बीच ममता बनर्जी इकलौती महिला हैं जो अभी तक राजनीति में जुटी हुई हैं। वसुंधरा के अवसान के साथ ही महिला नेताओं की उस पीढ़ी का भी अवसान हो गया जिसने पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय तक महिलाओं के हक हुकूक की बात को आगे बढ़ाया। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जबकि देश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की बात की जा रही है। एक तरफ महिला नेताओं को ठिकाने लगाया जा रहा है, दूसरी तरफ नया नेतृत्व भी पैदा नहीं किया जा रहा है।

सीतापुर। नगर पालिका ने शहर में नालों पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। बुलडोजर की मदद से अवैध निर्माण ढहा दिए गए। पांच दिन पहले व्यापारियों से अतिक्रमण हटाने के लिए अपील की गई थी। लेकिन इस अपील का व्यापारियों पर कोई असर नहीं पड़ा। इस पर ईओ वैभव त्रिपाठी की अगुवाई में अभियान चलाया गया। सुबह करीब 11 बजे एक टीम पुलिस बल के साथ रोडवेज बस स्टेशन पहुंची। यहां नालों पर किए गए अतिक्रमण को बुलडोजर से ढहा दिया गया। व्यापारियों ने अपनी दुकान के आगे नालों पर पक्का निर्माण करके सीढ़ी व सामान रखने की जगह बना ली थी। टीम ने बस अड्डा चौराहा स्थित संजय पैलेस, होटल राजस्थानी, सीताराम मंदिर आदि तक नाले पर किए गए अतिक्रमण को हटा दिया। ईओ वैभव त्रिपाठी ने बताया कि यह अभियान पूरे शहर में चलाया जाएगा।

पिसावां(सीतापुर)। विद्युत उपकेंद्र में केबल फुंकने से करीब 150 गांवों की बिजली गुल हो गई है। दिनभर मरम्मत का काम चलता रहा। लेकिन देर शाम तक आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। सुबह के समय बिजली न आने से कई जगहों पर पेयजल संकट भी गहराया गया। रात करीब तीन बजे पिसावां फीडर की ट्राॅली से जुड़ा केबल फुंक गया। जिसके बाद गुरसंडा व बहादुरनगर फीडर की सप्लाई भी बंद कर दी गई। बिजली विभाग की एक टीम मरम्मत करने में जुट गई। ये लोग दिनभर मरम्मत का काम करते रहे लेकिन शाम तक आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। इस वजह से सुबह के समय घरों में पानी का संकट खड़ा हो गया। घरों के इन्वर्टर डिस्चार्ज हो गए। दिनभर व्यापारी बिजली आने का इंतजार करते रहे। मोबाइल भी ठप होने से लोग एक दूसरे से संपर्क नहीं कर सकें। अवर अभियंता लक्ष्मी नारायण ने बताया कि फॉल्ट ठीक की जा रही है।

मतदाता बनने की रेस में आगे चल रही है। मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के तहत करीब डेढ़ महीने तक चले पुनरीक्षण कार्य के दौरान जिले की 31932 महिलाओं ने मतदाता बनने के लिए आवेदन किया है। महिलाओं ने वोटर बनने के सर्वाधिक 31932 फॉर्म भरे हैं। दूसरे स्थान पर युवा हैं। 18 से 19 वर्ष की आयु के 25 हजार 966 युवाओं ने मतदाता बनने के लिए आवेदन किया है। मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य चल रहा है। बीते 27 अक्तूबर से नौ दिसंबर तक दावा और आपत्ति प्राप्त किए गए हैं। इनमें से सर्वाधिक फार्म-6 महिलाओं ने भरे हैं। इससे यह साबित होता है कि महिलाओं और युवाओं में मतदाता बनने के लिए अधिक उत्साह है। इसके अलावा 23 दिव्यांगों ने भी आवेदन किया है। वहीं, जिले में इस अभियान के तहत कुल 67 हजार 248 लोगों ने वोटर बनने के लिए आवेदन किया है।

सीतापुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत पूरे जिले में चले अभियान में टीबी के 179 मरीज मिले हैं। अब विभाग इन मरीजों का निशुल्क इलाज करवाएगा। 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक पूरे जिले में सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर जाकर संभावित लक्षण वाले मरीजों की पहचान की। जिसके बाद चिह्नित इन रोगियों की टीबी की जांच की गई। जिसमें 179 टीबी रोगियों की पुष्टि हुई है। इन सभी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण के बाद उपचार भी शुरू करा दिया गया है। यह अभियान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, ईंट-भट्ठे, निर्माणाधीन भवन, फल व सब्जी मंडी, क्रेशर, बाल संरक्षण गृह व मजदूर बाजार आदि स्थानों पर चलाया गया।

सीतापुर। लोकसभा सत्र के दौरान बुधवार को सांसद राजेश वर्मा ने सीतापुर तक वंदेभारत ट्रेन चलाने की मांग की। शून्यकाल में अपनी मांग उठाते हुए सांसद राजेश वर्मा ने कहा कि कोरोना काल के दौरान व उसके पूर्व सीतापुर से लखनऊ तक प्रतिदिन एक पैसेंजर ट्रेन आती-जाती थी। कोरोना काल के बाद वह ट्रेन बंद हो गई। यह पैसेंजर ट्रेन दोबारा चलाने के लिए कई बार केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र दिया जा चुका है। उन्होंने आश्वासन दिया था कि सीतापुर तक वंदेभारत ट्रेन पहुंचाई जाएगी, जिससे जिले के लोगों को बेहतर रेल सुविधा दी जा सके। उन्होंने कहा कि आश्वासन के बावजूद अब तक यह मांग पूर नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि एक वंदेभारत ट्रेन कानपुर-लखनऊ-सीतापुर-शाहजहांपुर रूट पर चलाई जाए तो इसका प्रतिदिन संचालन हो।

सीतापुर। 3200 उपभोक्ताओं के मीटर खराब पड़े हैं। इसके चलते इन उपभोक्ताओं को बिजली बिल अनुमानित दिया जा रहा है। अब इन मीटरों को अभियान चलाकर बदला जाएगा। जिले में नए मीटर का स्टॉक आ गया है। पावर कॉर्पाेरेशन के चेयरमैन डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बुधवार को वीडियो क्रांफेंसिंग के जरिए समीक्षा की। अधिशासी अभियंता द्वितीय दिलीप कुमार गुप्ता को निर्देश दिए कि खराब मीटरों को जल्द बदला जाए। अधिशासी अभियंता ने बताया कि 3200 मीटर खराब हैं। इनको बदलने की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन मीटर जिले में न होने की वजह से ये बदले नहीं जा सके थे। उन्होंने निर्देश दिए कि कोई भी कनेक्शनधारक अनमीटर्ड न रहें। उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग के अनुसार ही बिल दिए जाएं। इसके बाद अधीक्षण अभियंता नंदलाल ने अधिशासी अधिकारियों के साथ विद्युत वितरण मंडल द्वितीय में बैठक की।

झरेखापुर (सीतापुर)। इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के नौव्वा महमूदपुर गांव के बाहर खेतों में बाघ के पगचिह्न दिखने से हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर कांबिंग की। टीम ने ग्रामीणों को सतर्क रहने के लिए कहा। नौव्वा महमूदपुर गांव के बाहर सरसों के खेत में ग्रामीणों ने बाघ के पग चिह्न देखे। इसके बाद आननफानन वन विभाग को सूचना दी। मौके पर वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा राजकुमार, अमित सिंह व अपनी समस्त टीम के साथ नौव्वा महमूदपुर गांव पहुंचे। वन क्षेत्राधिकारी सुयश श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में पगचिह्न बाघ के प्रतीत हो रहे हैं। ग्रामीणों को सुझाव दिया गया है कि वह खेतों में समूह बनाकर जाएं।