सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की समझ बढ़ा सकते है। ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? क्या आपके पास भी कोई नन्ही कहानी है? हमें बताइए, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
इसके बरक्स एक और सवल उठता है कि क्या सरकारें चाहती हैं कि वह लोगों का खाने-पीने और पहनने सहित सामान्य जीवन के तौर तरीकों को भी तय करें? या फिर इस व्यवसाय को एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस तरह के आदेश जारी किये जा रहे हैं। सरकार ने इस आदेश को जारी करते हुए इस बात पर भी ध्यान नहीं दिया कि उसके एक आदेश से कितने लोगों की रोजी रोटी पर असर पड़ेगा
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए...
यह कहानी एक लड़की की साहस और संघर्ष की है, जिसने अत्याचार को मात दिया और नये जीवन की धारा चलाई। मायके का साथ बना उसका सहारा, बेटे को बड़ा किया सच्चाई की पुकार से। उमा ने सिखाया, हिंसा से ना डरो, आगे बढ़ो, सपनों को हकीकत में बदलो। आपको लगता है कि उमा ने अपने जीवन में सही निर्णय लिया था, जब वह अपने परिवार के खिलाफ खड़ी हुई थी? उमा की कहानी आपको कैसे प्रेरित करती है और आपके विचारों में समाज में इस तरह की स्थितियों पर सहायता और बदलाव कैसे लाया जा सकता है?
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ जीवदास साहू फरस बीन यानि फ्रेंच बीन की खेती की जानकारी दे रहे है। विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा पीता फसल हेतु रोग नियंत्रण की जानकारी दे रहे है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
हंसने-हंसाने से इंसान खुश रहता है, जिससे मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन कम होता है। दोस्तों, उत्तम स्वास्थ्य के लिए हंसी-मज़ाक बहुत ज़रूरी है। इसीलिए मोबाइल वाणी आपके लिए लेकर आया है कुछ मजेदार चुटकुले, जिन्हें सुनकर आप अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे। हो जाइए तैयार, हंसने-हंसाने के लिए सुनिए हंसी-मज़ाक में डूबे हंसगुल्ले और रिकॉर्ड कीजिए अपने चुटकुले मोबाइल वाणी पर, फोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।
हमारे पुरुष प्रधान समाज में बच्चे और महिलाएं हिंसा का आसानी से शिकार हो जाते है। ऐसा ही हाल ट्रांसजेंडर यानी तीसरे जेंडर का भी है। ये वो लोग है जो खुद को ना पुरुष और ना ही महिला मानते हैं। इनके हक़ के लिए संघर्षरत है पिया कपूर, जो खुद भी एक किन्नर है। पिया का कहना है कि लोग उन्हें भी इंसान समझे। इसके लिए समाज की सोच और कानून में बदलाव बहुत ज़रूरी है।तीसरे जेंडर के लिए लोगों की सोच और भावनाएं कैसे सुधारी जा सकती है? क्या स्कूली शिक्षा के माध्यम से इस समुदाय के लोगों का जीवन बेहतर हो सकता है? अपने विचार और अनुभव हमें बताने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3