मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सतीश शुक्ला जानकारी दे रहे हैं की किसानों ने एसडीएम से की लिखित शिकायत। सेवा सहकारी समिति सिजहटा में जहां पर दर्जन भर किसनो की धान खरीदी का भुगतान नहीं किया गया है।जिसमें से एक किसान द्वारा अनुविभागी अधिकारी रामपुर बघेलान को आवेदन देकर ध्यान खरीदी के भुगतान का आग्रह किया है।

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के लिए किसान पंजीयन की तिथि पूर्व में 1 मार्च निर्धारित की गई थी ।जिसे बढ़ाकर बाद में 6 मार्च कर दिया गया था ।लेकिन पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष किसानों का पंजीयन बहुत कम हुआ है ।लिहाजा सतना जिले के बाकी किस भी पंजीयन कर सके इसके लिए पंजीयन की तारीख बढ़ाकर अब 10 मार्च कर दी गई है।

हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं। जिसका मुआवजा दिलाए जाने की मांग करते हुए चित्रकूट क्षेत्र के किसानों ने तहसीलदार बिरसिंहपुर को ज्ञापन सौंपा है। किसानो ने भाजपा सरकार के संकल्प पत्र में की गई घोषणा अनुसार गेहूं 2700 रूपये तथा धान 3100 रूपये के रेट से खरीदी किए जाने की मांग की है।

Transcript Unavailable.

जिले में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं। कोठी, नागोद, मैहर, अमरपाटन, रामपुर बघेलान समेत अन्य ग्रामों में तेज आंधी बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है। दलहन और गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। किसान चिंता में डूबे हुए हैं। अब किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द सर्वे कराकर उन्हें मुआवजा दिया जाए।

पिछले 10 सालों में गेहूं की एमएसपी में महज 800 रुपये की वृद्धि हुई है वहीं धान में 823 रुपये की वृद्धि हुई है। सरकार की तरफ से 24 फसलों को ही एमएसपी में शामिल किया गया है। जबकि इसका बड़ा हिस्सा धान और गेहूं के हिस्से में जाता है, यह हाल तब है जबकि महज कुछ प्रतिशत बड़े किसान ही अपनी फसल एमएसपी पर बेच पाते हैं। एक और आंकड़ा है जो इसकी वास्तविक स्थिति को बेहतर ढ़ंग से बंया करत है, 2013-14 में एक आम परिवार की मासिक 6426 रुपये थी, जबकि 2018-19 में यह बढ़कर 10218 रुपये हो गई। उसके बाद से सरकार ने आंकड़े जारी करना ही बंद कर दिए इससे पता लगाना मुश्किल है कि वास्तवितक स्थिति क्या है। दोस्तों आपको सरकार के दावें कितने सच लगते हैं। क्या आप भी मानते हैं कि देश में गरीबी कम हुई है? क्या आपको अपने आसपास गरीब लोग नहीं दिखते हैं, क्या आपके खुद के घर का खर्च बिना सोचे बिचारे पूरे हो जाते हैं? इन सब सरकारी बातों का सच क्या है बताइये ग्रामवाणी पर अपनी राय को रिकॉर्ड करके