यह पत्तेदार सब्जी स्वाद में खट्टा और थोड़ा अलग होता है लेकिन सेहत की रक्षा करने में यह पूरा संसार है. इसे इंडियन सरेल या चंगेरी कहते हैं. देखने में यह एक तरह से पालक की तरह ही होता है लेकिन स्वाद इसका बिल्कुल अलग है. चंगेरी बेहद पावरफुल सब्जी है. इस पत्तेदार सब्जी को आप साग, सलाद, सूप और किसी अन्य सब्जी में खट्टापन लाने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सरेल की कई वैराइटी है जिसमें कुछ घास की किस्म भी है लेकिन चंगेरी शुद्ध साग है. इसमें हल्का नींबू का स्वाद भी आएगा. हेल्थलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक जहां तक सेहत की बात है तो चंगेरी सबसे पहले डाइजेशन के लिए बहुत फायदेमंद है. लेकिन चंगेरी का सेवन यदि सप्ताह में एक दिन भी कर लिया जाए तो यह हार्ट की बहुत अच्छी तरह से रक्षा करता है. इंडियन सरेल या चंगेरी अनोखी हरी पत्तीदार सब्जी है. इसमें प्रोटीन, फैट, कार्ब्स, फाइबर, विटामिन सी, मैग्नीशियम, विटामिन ए, मैग्नीज, कॉपर, आयरन, पोटैशियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन बी 6, फॉस्फोरस समेत कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं चंगेरी का साग कई तरह से हार्ट को फायदा पहुंचाता है. पबमेड सेंट्रल की रिसर्च के मुताबिक चंगेरी के साग का सेवन खून में जमाव या थक्का बनने के मामले को बहुत कम कर देता है. यह ब्लड वैसल्स को फैलाने में मदद करता है जिससे बीपी नहीं बढ़ता. चंगेरी में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स हार्ट के मसल्स को फ्लेक्सिबल और मजबूत बनाने में मदद करता है. यानी यह हर तरह से हार्ट की धड़कन की रक्षा करता है. सरेल या चंगेरी में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो पानी में घुलनशील विटामिन है और यह शरीर में इंफ्लामेशन यानी सूजन को नहीं होने देता है. जब कोशिकाओं में सूजन लगती है तो कई तरह की बीमारियां लगती है. चंगेरी इस तरह से इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है जिससे बाहर से आने वाली बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है.

राशन कार्ड योजना देश भर के ऐसे व्यक्तियों के लिए संचालित करवाई जा रही है जो अपने परिवार के भरण पोषण हेतु खाद्यान्न की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं एवं उनके परिवार के लिए इस महंगाई के दौर में अपना खर्च चलाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस योजना के जरिए व्यक्तियों के राशन कार्ड बनाए जाते हैं तथा उनके लिए राशन कार्ड के आधार पर मुफ्त रूप से सरकारी दुकानों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न पदार्थ प्रदान करवाए जाते हैं। केंद्र सरकार के द्वारा हर वर्ष राशन कार्ड योजना के तहत नए परिवारों के लिए जोड़ा जाता है तथा जो परिवार इस योजना के तहत पात्र होते हैं उनके लिए राशन कार्ड उपलब्ध करवाए जाते हैं। हर वर्ष की तरह 2024 के अंतर्गत देश ऐसे कई परिवारों के व्यक्तियों द्वारा राशन कार्ड प्राप्त करने हेतु आवेदन किया गया है जो सरकार के द्वारा खाद्यान्न व्यवस्था का लाभ उठाना चाहते हैं। 2024 के अंतर्गत राशन कार्ड के सभी आवेदक व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण सूचना है कि राशन कार्ड योजना के जरिए जिन व्यक्तियों की राशन कार्ड आवेदन स्वीकृत किए गए हैं उनकी लाभार्थी सूची को जारी करवा दिया गया है। राशन कार्ड लिस्ट में जिन-जिन व्यक्तियों के लिए राशन कार्ड प्रदान करवाए जाने है वे जारी की गई सूची में विवरण चेक कर सकते हैं।

मैं मध्य प्रदेश के सतना जिले का संदीप बंसल हूँ और मैं दृष्टिबाधित हूँ । आवेदन उस तारीख को जमा किया गया था और मेरे खाते से मोबाइल नंबर अभी तक अपडेट नहीं किया गया है , इसके लिए क्या करना है

मध्य प्रदेश राज्य के सतना जिले से मै नजीर खान बोल रहा हूँ घर के सामने की लाइटें लंबे समय से बंद हैं , मैंने एमपीबी में इसकी शिकायत की है । जो प्रेमनगर में है लेकिन कोई भी कर्मचारी शिकायत नहीं सुन रहा है और अंधेरे में हमें जाना है , इसलिए कृपया मोबाइल वाड़ी में मेरी आवाज रिकॉर्ड करें और मेरी समस्या का समाधान करें ।

Supreme Court News: SC ने कहा कि बारहमासी/स्थायी प्रकृति के काम करने के लिए नियोजित श्रमिकों को अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत उन्हें स्थायी नौकरी के लाभ से वंचित नहीं कर सकते।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बारहमासी/स्थायी प्रकृति के काम करने के लिए नियोजित श्रमिकों को अनुबंध श्रम (विनियमन और उन्मूलन) अधिनियम, 1970 के तहत उन्हें सिर्फ स्थायी नौकरी के लाभ से वंचित करने के लिए अनुबंध श्रमिक नहीं माना जा सकता है। यह महानदी कोलफील्ड में काम करने वाले सफाई मजदूरों से जुड़ा मामला है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस नरसिम्हा ने अपनेआदेश में हाई कोर्ट और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के उस फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें रेलवे लाइन के किनारे सफाई करने वाले मजदूरों को संविदा कर्मी से हटाकर स्थायी कर्मी का दर्जा और वेतन-भत्ते का लाभ देने का आदेश दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि रेलवे लाइन के किनारे गंदगी हटाने का काम ना सिर्फ नियमित है बल्कि बारहमासीऔर स्थायी प्रकृति का है। कोर्ट ने कहा कि इन कारणों से अनुबंध पर बहाल कर्मचारियों को स्थायी किया जाना चाहिए।

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