नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

प्राणनाथ बस स्टैंड पन्ना में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। दूर-दराज से यात्री आ रहे हैं लेकिन नगर पालिका द्वारा आज तक पानी की सुविधा नहीं दी गई है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।

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हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

जल ही जीवन है। यह पंक्तियाँ हम बचपन से सुनते आ रहे हैं। आज के समय में जब दुनिया शुद्ध जल की कमी से जूझ रही है, यह पंक्तियाँ और सार्थक हो जाती हैं। भारत में जल संकट लगातार गहराता जा रहा है। कई राज्य हैं जो भूजल की कमी के चरम बिंदु को पार कर चुके हैं। हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में जल के महत्व और उसके संरक्षण को समर्पित है।इस विश्व जल दिवस पर पानी की बर्बादी को रोके और जल को प्रदूषित होने से बचाये। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से आप सभी को विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

पीने के पानी को लेकर किसान मोर्चा ने मटकी लेकर किया प्रदर्शन कहा उद्योगपति खोद रहे है गहरी खदाने कर रहे ब्लास्ट तालाबों और हैंडपंप का पीने का पानी हुआ खराब ।ब्लास्टिंग से घरों में आई दरार आज किसान संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने विजयराघवगढ़ के ग्राम खिरवा और ग्राम जगवानी के रहने वाले ग्रामीणों के साथ सर पर मटकी लेकर पूरे शहर में भ्रमण करते हुए कचहरी चौराह पहुंचे

राज्य मध्यप्रदेश जिला पन्ना मोबाइल में आपका स्वागत है वाणी के सरपंच और सचिव बामुरा गाँव में पानी और जल निकासी की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं । पंचायत पन्ना की ग्राम पंचायत बीरवाही के गाँव बहुरैया में पानी और जल निकासी की कमी की समस्या ग्रामीणों को परेशान कर रही है । स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत बीरवाही बहुरिया गाँव गाँव में लगभग एक साल से नल जल योजना की पाइपलाइन क्षतिग्रस्त पड़ी है , जिसकी मरम्मत पर जिम्मेदार अधिकारी और ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ध्यान नहीं दे रहे हैं । बामुरा गाँव में नाली का निर्माण न होने से घरों के सामने गंदा पानी बह रहा है , जिससे नाली के निर्माण की मांग कई बार ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच से भी की जा चुकी है , लेकिन उन्होंने बाढ़ के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है । झांग पिंडा में नाली का निर्माण कार्य नहीं किया गया है । स्थानीय लोगों ने कलेक्टर और जिला पंचायत से मांग की है कि ग्राम पंचायत बावाही के गाँव बमरैया में नाली का निर्माण किया जाए । जिस गांव का मोटर पंप जलने के कारण एक साल से बंद है , वहां लाखों रुपये की लागत वाली नल जल योजना शुरू की जानी चाहिए ताकि स्थानीय ग्रामीण गर्मियों में पानी की समस्या से छुटकारा पा सकें ।

11 मार्च को डॉ . मोहन यादव द्वारा केन बेतवा लिंक परियोजना के शुभारंभ के बाद , केन बेतवा लिंक परियोजना से लाभान्वित होने वाले पन्ना जिले के 316 गाँवों को इस परियोजना के तहत शामिल किया जाएगा । शुभारंभ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में , मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के जिला संयोजक आनंद पांडे के निर्देशन में जिले के विभिन्न गांवों में पानी के महत्व के साथ एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई

मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना जिला से अतुल रहक्वान पन्ना मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि एक गाँव चांद मारी जो अट्ठाईस नंबर पर स्थित है जहाँ आदिवासी लोग रहते हैं । यानी सरकार आदिवासियों के लिए कितनी ही योजनाएं लेकर आ रही है , लेकिन दूसरी तरफ लगभग बीस साल से पानी की सुविधा नहीं है , जिसमें गरीब मजदूर योजना बनाते हैं और परेशान होते हैं । पानी लेने के लिए किलोमीटर दूर जाना पड़ता है और बारिश के दौरान कोई रास्ता नहीं होता है , लेकिन कई बार पार्षद से पूछा गया लेकिन किसी ने नहीं सुना ।