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*हरदोई: एक तुम्हारे न होने का गम भी होता है...* *दर्द गमों का थोड़ा ज्यादा कम भी होता है, एक तुम्हारे न होने का गम भी होता है..., कविता पाठ पर सभी ने तालियां बजाईं। शुक्रवार को क्षत्रिय भवन में स्मृति शेष कैलाश नारायण की जयंती पर काव्यांजलि में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रद्धा सुमन अर्पित किए* काव्यांजलि में कवि उदयराज सिंह ने उक्त पंक्तियों की अपनी रचना सुनाई तो, कुछ देर के लिए सभी यादों में खो गए। आयोजक अभिनव दीक्षित ने जाग जाते अगर वक्त पर हम सभी, जागना तो पड़ेगा कभी न कभी, निशानाथ अवस्थी निशंक ने जहां सादगी त्याग तपस्या जीवन को दर्शन, ऐसे भारत की माटी का सौ-सौ बार नमन, धीरज श्रीवास्तव ने सोचिए प्रेम होगा वो किस भांति का भूलकर दर्द दुख अपनी हर व्याधि का... रचना सुनाई। पल्लवी मिश्रा गौरी ने सुनाया कि राम ही हैं सृष्टि और राम ही समष्टि भी हैं, रामजी के चरणों में ही मेरा विस्तार है। करुणेश दीक्षित सरल ने सुनाया कि मर जाना है, नियत यही तुम सोच-सोच मत घबराओ, खंडहर हो वन हो उपवन हो, आज चलो जी लेते हैं। आकांक्षा गुप्ता ने लक्ष्य होगा तुम्हारा अगर पार्थ सा, कृष्ण सा सारथी तुमको मिल जाएगा, आदि रचनाएं सुनाईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बृजराज सिंह तोमर ने की। कवि अभिनव दीक्षित की चलो जी लेते हैं पुस्तक के कवर पेज का अनावरण हुआ। आयोजक धरती रमन दीक्षित, आशुतोष दीक्षित व अभिनव दीक्षित रहे। संचालन कवि राजकुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में विमल शुक्ल, सतीश चंद शुक्ल, ब्रह्मस्वरूप पांडेय, मदन मोहन पांडेय, अभिनव मिश्रा, ईश्वर चंद्र वर्मा, श्रवण मिश्र, श्याम त्रिवेदी पंकज, सुशील चंद्र वर्मा, मनीष मिश्र, अंकित काव्यांश, पवन प्रगीत आदि कवि शामिल रहे।
हरदोई। श्रीरामलीला कमेटी की ओर से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाबू हरी बहादुर श्रीवास्तव की स्मृति
सीएसएन महाविद्यालय सभागार महान संत रविदास की जंयती श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक मनाई गई
महाविद्यालय के सभागार में मंगलवार को डॉक्टर शिव स्वरूप तिवारी स्मृति प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजन किया गया उनके चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पहचान आचार्य प्रो के के सिंह ने डॉक्टर शिव स्वरूप तिवारी को हिंदी और संस्कृत भाषा का संगम बताया उन्होंने कहा कि डॉक्टर तिवारी हिंदी के प्रख्यात मानसी संस्कृत साहित्य के सलाहकार पुरुष व अवधि के मर्ज थे नागफनी के 10 सुहासी झरोखे की धूप आज उनकी प्रसिद्ध रचनाएं हैं जिनमें उन्होंने साहित्य समाजवाद राजनीतिक का यथार्थ चित्रण किया है।
संडीला- नगर के विख्यात संस्कृत मनीषी एवं समाजसेवी स्वर्गीय आचार्य पुष्प मित्र शास्त्री की प्रथम पुण्यतिथि के उपलक्ष में उनके आवाज संत कृपाल नगर में उनके पुत्र के द्वारा एक शांति यज्ञ एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया स्थानीय तथा अन्य जनपदों से आए विद्वान एवं गणमान्य व्यक्तियों ने श्री शास्त्री जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला एवं उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को याद किया गया भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष अस्थाना, विशुन दयाल शुक्ला, प्रेम बाबा,डा कृष्ण गोपाल गुप्ता, डा विभा सिंह, जेपी पाण्डेय अधिनियम शास्त्री जी द्वारा किए गए कार्य को याद करके उनके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डाला तथा श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष शैलेश अग्निहोत्री, नीरज, विवेक मिश्रा, डा मनोज गुप्ता, शिवनारायण आदि मौजूद रहे