भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

हर साल 5 जून का दिन दुनियाभर में विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1972 में पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने की थी। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के लिए पर्यावरण दिवस को मनाया जाता है. इस दिन लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है.हर वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इस वर्ष (2024) विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है, "भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण, और सूखा लचीलापन।" यह स्वस्थ भूमि को वापस लाने,और पानी की कमी का प्रबंधन करने से जुड़ा है ।

उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से बुध सेन सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गौरव गुप्ता से बात चीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी की गर्मी अधिक तीव्र हो रही है, क्योंकि हमारे पास पेड़ों पौधें पर्याप्त मात्रा में नहीं है। यदि पौधे अधिक होते तो कुछ तापमान कम होता। पहले पेड़ पौधें थे। इसलिए गर्मी कम होती थी, बारिश भी अच्छी होती थी। लेकिन अब जैसे-जैसे पेड़ पौधे कम हो रहा है, तापमान बढ़ रहा है। इसलिए हमें इतना जागरूक रहना होगा कि आने वाले 5 जून को पर्यावरण दिवस पर हमें कम से कम दो पेड़ ज़रूर लगाने चाहिए। ताकि हमारा पर्यावरण फिर से शुद्ध हो सके और बारिश अच्छी हो सके

दोस्तों , सूरज की तपन बढ़ रही है और प्यास है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती! हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में पीने के पानी का साधन क्या है? क्या आप प्राकृतिक स्त्रोतों, जैसे कुएं, तालाब, पोखर से पानी लाते हैं? अगर आपके क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्त्रोत नहीं हैं तो क्या पानी के लिए बोरवेल लगवाया है? या फिर पानी की सप्लाई हो रही है? क्या आपको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो इससे आपके लिए कितना आर्थिक खर्च बढ़ गया है? क्या पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के प्राकृतिक पानी के स्त्रोतों को बचाने का काम नहीं कर रही है? क्या आपमें से कोई व्यक्ति ऐसा है, ​जो पानी के स्त्रोतों को बचाने की कोशिश कर रहा है? अगर है तो उनके प्रयासों के बारे में बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.

उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई जिला के बेलीगंज से राजीव रंजन त्रिपाठी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कौशल राज से बातचीत किया। बातचीत क दौरान उन्होंने बताया कि जल संरक्षण तालाबों, पोखरों व वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भी किया जा सकता है

उत्तरप्रदेश राज्य के हरदोई जिला के बेलीगंज से राजीव रंजन त्रिपाठी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अगर वृक्षारोपण नहीं किया जाए तो अप्राकृतिक मानव निर्मित कूलर, पंखे और एसी जैसी चीजें निकट भविष्य में अपना काम करना भी बंद कर देंगे। इसलिए आम जनता के लिए पेड़ लगाना बिल्कुल आवश्यक है।

हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।

सन महाविद्यालय के स्वागत में युवा महोत्सव 2024 के शिक्षा शास्त्र विभाग की ओर से विकसित

शिक्षा के साथ पर्यावरण चेतना भी आवश्यक शनिवार को संयंत्र महाविद्यालय के सभागृह में युवा महोत्सव के तहत शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा विकसित भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका एवं पर्यावरण नैतिकता अभिषेक व्याख्यान हुआ मुख्य वक्तव्य से एनपीपी कॉलेज लखनऊ के रसायन शास्त्र विभाग के आचार्य व संघ विचारक डॉक्टर इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत आज ही नहीं अपितु पूर्ण से ही विकसित है नई शिक्षा नई नीति 2020 से विकसित भारत का सपना साकार होगा। शिक्षा के साथ पर्यावरण चेतना भी आवश्यक। शनिवार को संयंत्र महाविद्यालय के सभागृह में युवा महोत्सव के तहत शिक्षा शास्त्र विभाग द्वारा विकसित भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भूमिका एवं पर्यावरण नैतिकता अभिषेक व्याख्यान हुआ मुख्य वक्तव्य से एनपीपी कॉलेज लखनऊ के रसायन शास्त्र विभाग के आचार्य व संघ विचारक डॉक्टर इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत आज ही नहीं अपितु पूर्ण से ही विकसित है नई शिक्षा नई नीति 2020 से विकसित भारत का सपना साकार होगा