गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से बुध सेन सोनी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गौरव गुप्ता से बात चीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी की गर्मी अधिक तीव्र हो रही है, क्योंकि हमारे पास पेड़ों पौधें पर्याप्त मात्रा में नहीं है। यदि पौधे अधिक होते तो कुछ तापमान कम होता। पहले पेड़ पौधें थे। इसलिए गर्मी कम होती थी, बारिश भी अच्छी होती थी। लेकिन अब जैसे-जैसे पेड़ पौधे कम हो रहा है, तापमान बढ़ रहा है। इसलिए हमें इतना जागरूक रहना होगा कि आने वाले 5 जून को पर्यावरण दिवस पर हमें कम से कम दो पेड़ ज़रूर लगाने चाहिए। ताकि हमारा पर्यावरण फिर से शुद्ध हो सके और बारिश अच्छी हो सके
हमारी सूखती नदियां, घटता जल स्तर, खत्म होते जंगल और इसी वजह से बदलता मौसम शायद ही कभी चुनाव का मुद्दा बनता है। शायद ही हमारे नागरिकों को इससे फर्क पड़ता है। सोच कर देखिए कि अगर आपके गांव, कस्बे या शहर के नक्शे में से वहां बहने वाली नदी, तालाब, पेड़ हटा दिये जाएं तो वहां क्या बचेगा। क्या वह मरुस्थल नहीं हो जाएगा... जहां जीवन नहीं होता। अगर ऐसा है तो क्यों नहीं नागरिक कभी नदियों-जंगलों को बचाने की कवायद को चुनावी मुद्दा नहीं बनाते। ऐसे मुद्दे राजनीति का मुद्दा नहीं बनते क्योंकि हम नागरिक इनके प्रति गंभीर नहीं हैं, जी हां, यह नागरिकों का ही धर्म है क्योंकि हमारे इसी समाज से निकले नेता हमारी बात करते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से राकेश बता रहें हैं की इनके यहाँ लोग बन्दर और जानवरो से बहुत परेशान हैं
प्रतिबंधित हरे पेड़ों पर चलाया जा रहा आरा। वन रेंज क्षेत्र के अंतर्गत नियमों के तहत पर रखकर हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है आश्चर्य की बात या है की हरियाली के पाठ पढ़ाने वाले जिम्मेदारी अधिकारियों का इस पर ध्यान तक नहीं है वन रेंज हरदोई के तहत बक्सा पुर गांव राम सहाय हेमराज के भागों में हरे-भरे प्रतिबंधित पेड़ों पर नरेंद्र से चलाया जा रहा है ठेकेदार ने साथ पेड़ों का परमानेंट बनवाकर 11 अप्रैल आम शिक्षा हुआ नेम कटवा कर रातों-रात कुंड भी यू करवाया दिया लेकिन जिले के अधिकारी हरियाली पर चलाएं को रोकने की जय मत उठने से दिलचस्पी नहीं दिख रहा है वही आरा मशीन पर नियमों की धनिया उड़ाई जा रही है।
Transcript Unavailable.
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नगर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय परिसर में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया
विश्व वन्यजीव दिवस जिसे आप वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के नाम से भी जानते है हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य है की लोग ग्रह के जीवों और वनस्पतियों को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक हो इतना ही नहीं धरती पर वन्य जीवों की उपस्थिति की सराहना करने और वैश्विक स्तर पर जंगली जीवों और वनस्पतियों के संरक्षण के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य या दिवस मनाया जाता है.विश्व वन्यजीव दिवस के उद्देश्य को पूरा करने के लिए है हर वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है जिससे लोगो में इसके प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूकता को बढ़ावा मिले . हर वर्ष की तरह इस वर्ष 2024 का विश्व वन्यजीव दिवस का थीम है " लोगों और ग्रह को जोड़ना: वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल नवाचार की खोज" है। "तो आइये इस दिवस पर हम सभी संकल्प ले और वन्यजीवों के सभी प्रजातियों और वनस्पतियों के संरक्षण में अपना योगदान दे।