उत्तर प्रदेश राज्य के हरदोई जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में जातीय, धार्मिक और क्षेत्रवाद के प्रभाव में आकर मतदाता वोट करता है। वही महाराष्ट्र में तमाम कामगार संगठन अपने हितों को लेकर वोट करते हैं। यूपी के हरदोई में अभी तक कभी भी नागरिक संगठनों के द्वारा चुनाव के दौरान सियासी दलों के बीच घोषणा पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। हरदोई में मतदाता अपनी विचारधारा के दल या प्रत्याशी से प्रभावित होकर वोट करता है। क्षेत्रीय समस्याएं तो बहुतायात में यहां होती हैं, लेकिन लोकल स्तर पर नागरिक समूह इन्हें उठाने से कतराते रहते हैं। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के दौरान हरदोई जनपद में एक बड़ी समस्या अन्ना मवेशियों की रही है, इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी है। लेकिन किसी भी नागरिक समूह के द्वारा इन समस्याओं को एक घोषणा पत्र के रूप में परिवर्तित करने की पहल नहीं की जा सकी है । जिसतरह चुनाव के दौरान तमाम राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना घोषणा पत्र जारी कर जनता से तमाम वायदे करती हैं। उसी तरह नागरिकों को भी नागरिक समूह बनाकर उसकी ओर से चुनाव के दौरान घोषणा पत्र जारी करना चाहिए, ताकि प्रमुख स्थानीय समस्याओं को सभी राजनीतिक दलों के समक्ष लाया जा सके।