बेनीगंज _सरकार भले ही सूबे में कानून का राज व सुशासन की बात कर रही है। लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ और ही है। स्थिति यह है कि पहले रात दिन चौकीदारी करो फिर पैसे रूपी न्याय के लिए भटकना पड़ता है। मामला कोथावां ब्लाक के ग्राम पंचायत काकूपुर से जुड़ा है। जहां 84 वर्षीय बुजुर्ग अपने रुपयों के लिए दर-दर भटक रहा है। जानकारी के मुताबिक काकूपुर ग्राम प्रधान राम प्रताप पुत्र हीरा लाल मौर्य ने बीते 30 माह पूर्व में पंचायत भवन की रखवाली करने गांव के 84 वर्षीय बुजुर्ग राजा राम पुत्र जवाहर लाल को 6 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से स्वयं नियुक्त किया था। जिससे राजा राम के परिवार का भरण पोषण होना था। पैसे मिलने की आस लगाए राजा राम अब तक पंचायत भवन की रखवाली करता रहा। अधिक पैसे होने पर जब उन्होंने पैसे की मांग की तो राम प्रताप ने रूपए देने से इंकार करते हुए कहा कि मैने आपके खाते पर पैसा भेज दिया। जबकि बुजुर्ग चौकीदार के बताए अनुसार राम प्रताप ने उसका फर्जी मनरेगा जाप कार्ड बनवा लिया था। जिसमें कच्छे कार्य का पैसा आर्यावर्त बैंक शाखा कोथावां के खाते पर लगभग 30 हजार आया वहीं दूसरा खाता बैंक आफ इंडिया शाखा कल्यानमन पर राजवित्त का लगभग 22 हजार रूपए आया। जिसे प्रधान राम प्रताप ने यह कहकर निकाल लिया कि ये रूपए सरकारी कार्य के है। आपकी सैलरी एक साथ आएगी। पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने के चलते अधिक समय बीत जाने के बाद बुजुर्ग चौकीदार ने पुनः प्रधान रामप्रताप से रुपयों की मांग की तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैंने आपको रूपए दे दिए हैं। अब कोई पैसा नहीं दूंगा। न्याय की आस लेकर बुजुर्ग चौकीदार आला अधिकारियों की चौखट पर लिखित शिकायती पत्र के माध्यम से कह रहा है कि उसका 1 लाख 80 हजार रूपए दिलाया जाए। न्याय के लिए दर-दर भटक रहे 84 वर्षीय बुजुर्ग चौकीदार सिस्टम से काफी आहत है। उनका कहना है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। इतना ही नही रूपए मांगने पर प्रधान उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहा है।