सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा किसान भाइयों को अनार के फसल हेतु जरुरी सलाह दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

हमें अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने चाहिए। एक मौलिक मानव अधिकार है जो समाज की सामूहिक प्रगति का मानदंड है। समानता समाज को संतुलित और समृद्ध बनाती है। महिलाओं को शिक्षा, रोजगार और निर्णायक भूमिकाओं में पुरुषों के साथ समानता का पूरा अधिकार है। इसे समाज में सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में सुधार करना चाहिए महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सामाजिक और कानूनी परिवर्तन आवश्यक हैं। समर्थन की भी आवश्यकता है समान वेतन समान व्यावसायिक अवसर और समान पहुंच को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए समाज को महिलाओं की शक्ति और क्षमता को पहचानने और प्रोत्साहित करने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

वृक्षारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पौधों को उगाने के लिए पेड़ लगाए जाते हैं। बीज को जमीन में एक छोटे पौधे या एक बड़े पौधे के रूप में लगाया जाता है। यह एक प्राकृतिक प्रणाली है जो पर्यावरण के लिए वरदान साबित होती है। पेड़ लगाने से वातावरण शुद्ध होता है और पानी की बचत होती है। पेड़ लगाने से वायुमंडल की सतह को ठंडा करने और जैव विविधता बढ़ाने में मदद मिलती है, जो जलवायु परिवर्तन के संभावित प्रभाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हर साल गर्मी के कारण लोगों को परेशान करता है। गर्म हवा और आर्द्रता बढ़ जाती है जो लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। आर्द्र गर्मी तेजी से थकान और तेजी से पसीना का कारण बनती है। बुखार जैसी समस्याएं विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करती हैं

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि लैंगिंग असमानता एक सामाजिक और आर्थिक समस्या है जो अलग है। असमानता वर्गों, जातियों, लिंगों और क्षेत्रों के बीच असमानता में प्रकट होती है। यह असमानता व्यक्ति के अधिकारों, अवसरों और पहुंच को प्रभावित करती है, जिससे समाज में विभाजन होता है। लैंगिक असमानता कई कारणों से उत्पन्न होती है। यह असमानता सामाजिक रूप से भी हानिकारक हो सकती है, जैसे कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में, क्योंकि इससे जातिवाद, लिंग भेदभाव, आर्थिक अलगाव और लिंग अनुरूपता हो सकती है।

दोस्तों बच्चों के लिए काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ ने हर साल 11 जून को बच्चों के खेल का ख़ास दिन घोषित किया है। यानि ऐसा दिन जो सभी को याद दिलाये कि बच्चों के साथ बच्चे बन जाना कितना प्यारा है। बच्चों को जन्म से ही खेल खेल में सिखाना कितना प्यारा है। सिखाना भी बड़ों के तरीके से नहीं ,ऐसा खेल जिसमें बड़ों की नहीं हमारे नन्हें मुन्हें ,प्यारे -प्यारे बच्चों की मर्ज़ी चले। क्योकि इससे बच्चे तेज़ी से खुद सीखते हैं। आने वाले 11 जून यानि की इस मंगलवार को भी एक घंटे का समय निकालिये और अपने और अपने आस पास के बच्चों के साथ बच्चा बन जाइये।और हाँ आपने और बच्चों ने क्या खेला और उसमे बच्चों को कितना मज़ा आया ये मोबाइल वाणी पर रिकॉर्ड कर के जरूर बताइये।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ अशोक झा धान की फसल के लिए धान के नर्सरी तैयारी करने के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...