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गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र में बेतहाशा गर्मी और तीखी धूप से किसानों की फसलें अब सूखने लगी हैं। बीते 15-20 दिनों से इलाके में अच्छी बारिश नहीं हुई है। धान की रोपाई कर चुके किसान पंपिंग सेट और ट्यूबवेल से सिंचाई करके अपनी फसल को बचाने में लगे हुए हैं। लंबे अर्से से बारिश न होने के कारण अब खेतों में दरारें पड़ने लगी हैं। वहीं मुरझाई हुई धान की फसल को सूखते हुए देख कर किसानों की जान हलक में आ जा रही है। आसमान में बादलों के घिरते ही मायूस किसानों की आंखों में चमक आ जाती है किन्तु कुछ ही देर बाद बारिश न होने पर उनके चेहरे लटक जाते हैं। भिटहां गांव के अरविंद चौरसिया, घिराऊ चौरसिया, बढ़नी के अखिलेश पांडेय, बड़हरा के रामखेलावन यादव, कटघर के रामदरश आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि अगर बारिश नहीं हुई तो धान की फसल सूख कर बर्बाद हो जाएगी। शिक्षक राजेश पांडेय ने कहा कि "का बरखा जब कृषि सुखाने" यह एक बहुत पुरानी कहावत है। इस धूप में धान की फसल यदि सूख गई तो बारिश होने पर भी सड़ जाएगी। किसानों को बहुत घाटा होगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि धूप में निकलते समय हमें टोपी या छाते का प्रयोग करना चाहिए। यह हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। धुप के कारण त्वचा और सर पर नुकसान पहुंच सकती है। टोपी और छाता हमे सुरक्षित रखने में मददगार साबित होती है। इससे सीधे सूर्य के किरणों से बचाता है। साथ ही छाता हमे सूर्य के निकलने वाले किरणों से बचाता है

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उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है, गर्मी का समय सभी के लिए कठिन होता है लेकिन जब यह बहुत अधिक हो जाता है तो यह सामान्य गर्मी होती है। इस प्रकार की आर्द्र गर्मी से राहत पाना मुश्किल हो सकता है, और इसे दूर करने के लिए, एक व्यक्ति को नियमित रूप से पानी और बॉडी कूलर पीना चाहिए। कपड़े पहनने चाहिए लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने से बचें व्यायाम और शारीरिक गतिविधि गर्मियों के दौरान सुबह या शाम को की जानी चाहिए जब हवा ठंडी हो। ठंडे पानी से नहाने से भी राहत मिलती है। जब आप अपने शरीर को ठंडा करते हैं, तो यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है। गर्मी को मात देने के लिए ये सरल कदम उठाएँ।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अधिक गर्मी पड़ने से अस्पतालो मे मरीजों की संख्या बढ़ी गई है। अस्पतालों में बढ़ती भीड़ ने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर दबाव बढ़ा दिया है। आपातकालीन वार्डों में बिस्तरों की कमी हो रही है और दवाओं की मांग बढ़ रही है। अस्पताल प्रबंधक को इन स्थितियों से निपटने के लिए अतिरिक्त उपाय करने होते हैं, जैसे कि अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति, आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और जागरूकता बढ़ाना। अभियानों के माध्यम से जनता को सचेत करना सरकार और स्वास्थ्य विभाग को लोगों को अत्यधिक गर्मी से खुद को बचाने के तरीके बताने चाहिए जैसे कि पर्याप्त पानी पीना, घर के अंदर रहना, हल्के कपड़े पहनना और धूप में स्नान करना।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि हर साल गर्मी के कारण लोगों को परेशान करता है। गर्म हवा और आर्द्रता बढ़ जाती है जो लोगों के लिए स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है। आर्द्र गर्मी तेजी से थकान और तेजी से पसीना का कारण बनती है। बुखार जैसी समस्याएं विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करती हैं

उमस भरी गर्मी से मजदूर परेशान

अधिक गर्मी पड़ने के कारण