बनो नई सोच ,बुनो हिंसा मुक्त रिश्ते की आज की कड़ी में हम सुनेंगे महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार और हिंसा के बारे में।

छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति जल्द मिल सकती है। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अभ्युदय 24 का हुआ समापन। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि बच्चे स्कूल में पाँच से छह घंटे बिताते हैं , यह एक लंबा समय है , इसलिए बच्चों के लिए सरकारी स्कूलों में शौचालय का उपयोग करना स्वाभाविक है । उपलब्धता के साथ - साथ यह भी देखने की जरूरत है कि शौचालय साफ है या नहीं , इन पांच - छह घंटों में शौचालय कितनी बार साफ किया जाता है , पर्याप्त पानी है या नहीं । लड़कियों के शौचालय में सैनिटरी पैड फेंकने की व्यवस्था हो या न हो , साबुन की व्यवस्था हो या न हो , स्कूल के शौचालय में ये सुविधाएं न हों या उनकी कमी हो , तो लड़कियों की तुलना में लड़कियों की संख्या अधिक होगी । लेकिन यह लड़कों की तुलना में लड़कियों को अधिक प्रभावित करेगा क्योंकि जब लड़कियां मासिक धर्म शुरू करती हैं , तो शौचालय की आवश्यकता अधिक हो जाती है । कुछ स्कूलों में केवल एक शौचालय है , जो साफ भी नहीं है । शिशु लड़कियों , विशेष रूप से किशोर लड़कियों के पास पीरियड्स के दौरान पर्याप्त शौचालय की सुविधा नहीं होती है ।

सरकारी स्कूल और लिंग के साथ - साथ लड़कियों की शिक्षा और लैंगिक असमानता , शौचालय कर्मचारी कम प्रासंगिक हैं । यहाँ बताया गया है कि उपस्थिति और अनुपस्थिति कैसे प्रभावित कर रही है कि स्कूल पहुँचने वाले एक किशोर छात्र को स्कूल में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है । प्रारंभिक शिक्षा के बाद लड़कियों की पढ़ाई छोड़ने की दर अधिक पाई गई है । पढ़ाई के लिए आने वाले अधिकांश बच्चे गरीब और उत्पीड़ित परिवारों से हैं और उनके परिवार की आय बहुत कम है , इसलिए यह परिवार महंगी निजी स्कूली शिक्षा का खर्च उठाने में असमर्थ है । निजी विद्यालय की फीस बहुत महंगी होती है । सरकारी स्कूलों की तुलना में किताबें और वर्दी भी बहुत महंगी हैं । अवसर मिलने पर गरीब परिवार अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेज सकते हैं ।

गोरखपुर के चार केन्द्रो पर होगा यूपी बोर्ड की कॉपियों का मूल्यांकन। अधिक जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद।

गोरखपुर के 141 माध्यमिक विद्यालयों में होगी हाईटेक तरीके से पढ़ाई, सीएम योगी देंगे ये उपहार

अभिनव त्रिपाठी ने बताया कि अनुवंशिक विज्ञान की जानकारी से स्वास्थ होगा मानव जीवन खुटहना गांव सरकारी स्कूल में गोष्ठी का आयोजन हुआ। खजनी गोरखपुर।। अनुवंशिक विज्ञान की बेहतर समझ और जानकारी होने पर हमें वंशानुगत (पीढ़ी दर पीढ़ी) होने वाले कई असाध्य रोगों से बचाव में मदद मिल सकती है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा इस दिशा में विशेष जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। खजनी क्षेत्र के खुटहना गांव के सरकारी स्कूल परिसर में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के सौजन्य से अनुवंशिक विज्ञान स्वस्थ जीवन की सरल कुंजी तथा उर्जा साक्षरता विषय पर जागरूकता गोष्ठी को संबोधित करते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता अभिनव त्रिपाठी ने उक्त विचार व्यक्त किए। उन्होंने विस्तार सहित जानकारी देते हुए कहा कि समय रहते यदि अनुवंशिक रोगों की पहचान कर ली जाए तो माता- पिता,दादा-दादी,नाना-नानी के द्वारा बच्चों में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। सिद्धार्थ यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉक्टर देव बख्श सिंह ने कैंसर, हीमोफीलिया,डाउन सिंड्रोम, मधुमेह आदि अनुवंशिक रोगों की जानकारी दी। कार्यक्रम के संयोजक सत्येंद्र कुमार ने सौर्य उर्जा के रूप में स्वच्छ ऊर्जा के महत्व को रेखांकित करते हुए उपस्थित जनसमूह को बताया कि अपना देश स्वच्छ प्रदूषणरहित उर्जा के रूप में सौर्य उर्जा के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है। आगामी वर्ष 2030 तक भारत दुनियां का सबसे बड़ा सौर्य उर्जा उत्पादक देश बन जाएगा। इस दौरान उन्होंने सौर्य उर्जा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम को अर्द्धचंद्रधारी त्रिपाठी एवं ग्रामप्रधान रूद्र प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया तथा संचालन संजय मिश्रा ने किया। इस दौरान ग्रामप्रधान संगम त्रिपाठी,दिनेश, राम सागर,साधू,मेवाती,बासमती, शारदा,जियना,अनिता,समिना,मैना देवी,उषा,गीता देवी सहित गांव के दर्जनों लोग मौजूद रहे।

गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को मिलेगी 15000 फेलोशिप। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने धन्यवाद

Transcript Unavailable.