*उफनाई घाघरा तहसीलदार ने जाना बाढ़ प्रभावित गांवों का हाल बाढ़ प्रभावितों को संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी एक बार फिर उफान पर है पहाड़ो पर हुई भारी बारिश का कहर नदी के बाढ़ के पानी से घिरे तहसील के बेलघाट इलाके के दर्जनों गांवों को अपनी जद् में ले चुका है। बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने और शासन के द्वारा उन्हें आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए आज तहसीलदार खजनी गोपाल कृष्ण तिवारी ने अधिकारियों और लेखपालों की टीम के साथ बेलघाट ब्लॉक के बाढ़ से प्रभावित गांवों नरगड़ा जग्गा, नरगड़ा शिवदत्त सिंह, रापतपुर, छितौना, वसई चपरहट, सुअरहा, सोपाई समेत कई गांव का निरीक्षण किया, बाढ़ के पानी की जद में आए गांवों का हाल जानते हुए उन्होंने राहत और बचाव कार्यों से जुड़े आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही कहा कि बाढ़ पीड़ितों को आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होने दी जाएगी। मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने बाढ़ प्रभावित गांव से निकलने के लिए कुल 09 नावों की व्यवस्था कराई। उन्होंने बताया कि सरयु नदी (घाघरा) का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। क्षेत्र में स्थापित बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों की निगाहें नदी के जलस्तर में हो रहे बढ़ाव पर लगी हुई हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों और आपदा पीड़ितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराना शासन की प्राथमिकता है।

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

यह कार्यक्रम मौसम में आ रहे बदलावों और उनसे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभावों पर केंद्रित है। इसमें बारिश के अनिश्चित पैटर्न से उत्पन्न चुनौतियों और उनके संभावित समाधानों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में यह भी बताया जाएगा कि कैसे ये बदलाव किसानों से लेकर शहरी नागरिकों तक, सभी के जीवन को प्रभावित कर रहे हैं। आपने और आपके आसपास के लोगों ने बदलते बारिश के पैटर्न के बारे में क्या अनुभव किया है? क्या आपको या आपके जानने वालों को इससे कोई चुनौती झेलनी पड़ी है?

तहसीलदार कूड़ा भरत और जमौली खुर्द गांव में उपलब्ध कराई नाव गोरखपुर जिले की खजनी तहसील क्षेत्र के कूंड़ा भरत गांव के एक मौजे में निचले इलाके के कुछ घर आमी नदी के बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं। वहीं जमौली खुर्द गांव का भी कमोबेश यही हाल है। इन गांवों के समीप से बहने वाली आमी नदी पर पीपे का पुल बना था जो कि पानी के तेज बहाव से बह चुका है। वहीं गांव के कई मजदूर नदी पार करके 7/8 किलोमीटर की दूरी तय कर रोज शहर में मजदूरी करने के लिए आते जाते हैं। वहीं बाढ़ के पानी से घिरे जमौली खुर्द गांव के लिए भी नाव उपलब्ध कराई गई है। दरअसल नदी में आई बाढ़ की समस्या की जानकारी मिलते ही आज गांव में पहुंचे तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी ने दोनों गांव के लिए छोटी डोंगीं नाव उपलब्ध कराई। इस दौरान लेखपाल राजीव रंजन शर्मा ग्राम प्रधान रमेश पासवान सहित बड़ी संख्या में गांव के निवासी मौजूद रहे। समस्या का समाधान मिलने पर लोगों ने तहसील प्रशासन के प्रति आभार जताया। बता दें कि पहाड़ो पर हो रही बारिश और पड़ोसी देश नेपाल से पानी छोड़े जाने के साथ ही इलाके में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण घाघरा राप्ती जैसी बड़ी नदियों के साथ ही उनसे जुड़ी छोटी और सहायक नदियां भी उफान पर हैं। नदियों का पानी लगातार बढ़ने के कारण उनके किनारे बसे गांवों के निचले इलाकों में पानी भर चुका है, गांवों के किसानों के खेत जलमग्न हो गए हैं।

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ड्रोन से दवा पहुंचाएगा एम्स गोरखपुर पहले इस प्रोजेक्ट के लिए किया था इंकार अब बाढ़ और आपातकालीन स्थिति में मिलेगा लाभ

बाढ़ से बचाव की 35 परियोजनाएं स्वीकृत।

बाढ़ से बचाव के लिए 35 परियोजनाओं को मंजूरी