उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव कुछ समुद्रों से देखे जा रहे हैं कि मौसम में दिन में अधिक बारिश होती है। गर्मी और भूकंप का प्रभाव है, इस स्थिति में लोग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, लोग बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं, इसे ट्रैप्लेमेंट परिवर्तन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन तापमान में वृद्धि, अधिक बार भारी बारिश और जुगाली करने वालों और तूफानों के प्रभावों के माध्यम से बीमारी के जोखिम को बढ़ाता है। पैथोलॉजिकल रोग शरीर की तंत्रिका और स्वायत्त प्रणालियों को प्रभावित करता है या यकृत और गुर्दे को नुकसान पहुंचाता है। यह जलवायु परिवर्तन मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य को प्रभावित करने के दो मुख्य तरीके जलवायु या मौसम संबंधी कारकों से पहले से ही प्रभावित स्वास्थ्य समस्याओं की गंभीरता या आवृत्ति को बदलना और दूसरा पहले से ही प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य को बदलना है। उन स्थानों पर अभूतपूर्व या अप्रत्याशित स्वास्थ्य समस्याएं और स्वास्थ्य खतरे पैदा करना जहां वे पहले कभी नहीं हुए हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण मनुष्य हैं। आम तौर पर, जलवायु में परिवर्तन कई वर्षों में धीरे-धीरे होता है लेकिन मनुष्यों द्वारा पेड़-पौधों की लगातार कटाई और खेती या घर बनाने के लिए जंगल का उपयोग करने के कारण, इसका जलवायु पर भी प्रभाव पड़ने लगा है। सबूत साफ हैं जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण तेल गैस और कोयला जैसे जीव हैं। जीवाश्म ईंधन का जलना तब होता है जब जीवाश्म ईंधन को जलाया जाता है तो वे कार्बन डाइऑक्साइड को हवा में छोड़ देते हैं जिससे ग्रह गर्म हो जाता है। पृथ्वी पर जलवायु 4.5 अरब वर्ष पहले इसके गठन के बाद से हाल तक बदल रही है। इस परिवर्तन का कारण ज्वालामुखी विस्फोट, पृथ्वी की कक्षा में परिवर्तन और पृथ्वी की परत में परिवर्तन जैसे प्राकृतिक कारक होते हैं जिन्हें प्लेट विवर्तनिकी के रूप में जाना जाता है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तार केशवरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि पेड़ हमारे लिए अनेक प्रकार के फायदे प्रदान करते हैं। वे संसार के वायुमंडल को शुद्ध रखने में मदद करते हैं जो कि ऑक्सीजन उत्सर्जित करते हैं और कार्बन डायोक्साइड को अवशोषित करते हैं। इसके अलावा वे हवा को ठंडा भी करते हैं और वायुमंडल के प्रदुषण को कम करने में सहायक होते हैं। पेड़ हमारी मानव जीवन शैली के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उनके फल हमारे भोजन के स्रोत के रूप में काम आते हैं और उनके वृक्ष पत्ते और तने हमे ऊर्जा प्रदान करते हैं ये आर्थिक रूप से भी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि वृक्ष और लकड़ी निर्माण कार्य में उपयोग होता है। पेड़ों के नीचे की मिटटी में अन्य संजीवी जीवों का विविधता होता है जिससे फसलों की उर्वरकता बढ़ती है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तार केशवरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे पृथ्वी के जलवायु क्रिया में स्थिरता खत्म हो रही है और मौसमी तथा जलवायु में परिवर्तन हो रही इसकी मुख्य वजह वायु प्रदूषण ,जलवायु उत्सर्जन अन्य जैविक उत्सर्जन हैं। यह परिवर्तन ग्लोबल वार्मिंग के रूप में दिखाई देता है। इसमें पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है और इससे जलवायु के प्रभाव भी बदल जाते हैं उच्चतर तापमान के कारण बर्फ के पिघलाव समुन्द्री तटों की कटाव और विप्लव आकार में बाढ़ जैसे प्राकृतिक आपदाओं के खतरे बढ़ जाते हैं । इस परिवर्तन का सीधा प्रभाव मानव समुदायों पर होता है जैसे कि खाद्य सुरक्षा ,पानी की आपूर्ति ,स्वास्थ्य और निवास की स्थिति पर विशेष रूप से उन समुदायों पर इसका अधिक प्रभाव पड़ता है जो पर्यावरण पर अधिक निर्भर रहते हैं जैसे कि कृषि और निर्माण क्षेत्र इस समस्या का समाधान ग्लोबल स्तर पर संयुक्त प्रयास के बिना सम्भव नहीं है। विशेष रूप से सौर ऊर्जा और संचयन तथा सड़क निर्माण परिवहन में परिवर्तन करने से ही हम इन चुनौतियों का समाधान पा सकते हैं

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हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं की जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। जलवायु परिवर्तन के कारण ही मौसम में बदलाव हो रहा है

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से ताराकेश्वरी श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जलवायु परिवर्तन एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर हमारी पृथ्वी की स्थिति और मानवता का भविष्य निर्भर करता है। यह विशेष रूप से जल और वायु के प्रदूषण से संबंधित है जो प्राकृतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। जल प्रदूषण में ग्लेशियरों का पिघलना और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि शामिल है। जल प्रदूषण के कारण समुद्री जीवन जल संसाधनों की कमी है

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है जलवायु परिवर्तन मौसम के स्वरूप में परिवर्तन का कारण बन रहा है। जलवायु परिवर्तन का कृषि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिससे अधिक तीव्र सूखा पड़ रहा है। बदलते मौसम के कारण फसल की पैदावार कम हो रही है, और जहां खाद्य सुरक्षा खतरे में है, वहीं स्वास्थ्य पर भी असर दिखाई दे रहा है। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव केवल प्राकृतिक पर्यावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रणालियों पर भी पड़ता है।