सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
आजकल कम उम्र में ही लोग लम्बी और गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं. लाइफस्टाइल और खानपान खराब होने से सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. इसकी वजह से कई गंभीर और खतरनाक स्थिति बनने लगी है. इसी से बचाव और जागरूकता के लिए हर साल 7 अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2024) मनाया जाता है. इस वर्ल्ड हेल्थ डे का थीम 'माई हेल्थ-माई राइट' मतलब 'मेरा स्वास्थ्य-मेरा अधिकार' रखा गया है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे का उद्देश्य अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, साफ पानी-हवा, पोषण से भरपूर आहार और साफ-सफाई है. तो दोस्तों आइये हम सब संकल्प ले और स्वस्थ आदतें अपनाएं: अपने आहार पर ध्यान दें, नियमित व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और तनाव मुक्त रहने का प्रयास करें,डॉक्टर से नियमित रूप से जांच कराएं, स्वस्थ आदतों के महत्व के बारे में अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय के लोगों को जरूर बताएं.ये सरल कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं.मोबाइल वाणी परिवार यह मानता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्वस्थ जीवन जीने के प्रति सचेत और सजग रहने का निरंतर प्रयास है. आइए मिलकर यह सुनिश्चित करें कि "स्वास्थ्य सबका अधिकार" वाकई में सच हो जाए
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा यूरिया का छिड़काव कैसे करे इसके बारे में जानकारी दे रहे है अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें
उतरपदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि सरकार की बुनियादी सेवाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, बिजली, सड़क सुरक्षा आदि शामिल हैं। ये सेवाएँ एक समृद्ध समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये नागरिकों को आवश्यक सामग्री और सुरक्षित वातावरण प्रदान करती हैं। शिक्षा सेवाएँ नई पीढ़ी को शिक्षा के अवसर और ज्ञान का संचार सुनिश्चित करती हैं। यह समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लोगों को बेहतर रोजगार प्रदान करने और जीवन के सामान्य उत्थान में मदद करता है। सरकारी अस्पताल, दवाएं, टीकाकरण शिविर आदि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। जल और बिजली सेवाएँ जीवन के लिए आवश्यक हैं। जल संबंधी सेवाएँ स्वच्छ और पीने योग्य जल जहां बिजली सेवाएं घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं, वहीं सड़क सुरक्षा सेवाएं अपराध के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं और सड़कों का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करती हैं।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जो अमीर हैं वे पैसे के बल पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन जो हमारे गरीब परिवारों से हैं, वे हमारे अधिकारों का लाभ उठाते हैं। सभी लोग बैठे हैं, पैसे मांगते हैं और पैसे नहीं दे पाते हैं, इसलिए उन्हें उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस लाभ की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन वह अपने धन के बल पर सभी योजनाओं का लाभ उठाता है। इन योजनाओं का लाभ हमारे गरीब परिवारों, हमारे गरीब समाज तक पहुंचना चाहिए, अगर आप देखें तो गरीबी की कोई सीमा नहीं है। हमारी सरकार आवास योजना चला रही है और हमारे गरीब लोगों को उस आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो इसे चलाने का क्या फायदा? चूंकि उनके बच्चों को समय पर एक बार का भोजन नहीं मिल पाता है, इसलिए उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, तब से वे कहीं जा सकते हैं और एक बार की रोटी की व्यवस्था कर सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार वही है जो वह है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आज के समय में सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है, लेकिन योजनाएं जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं, जैसे कि हमारे समाज का बुनियादी ढांचा और हमारी अर्थव्यवस्था। दोनों के निर्माण खंडों में से एक परिवर्तन की गति, प्रौद्योगिकी का प्रभाव और स्थिरता की आवश्यकता के साथ-साथ लागत नियंत्रण और सर्वोत्तम वित्तपोषण विकल्प हैं जो लोगों के लिए वास्तविक चुनौती हैं। इस बीच, जनसंख्या वृद्धि, बड़े बदलाव के समय में हमारे द्वीप के आसपास संचार और लोगों के सामान के परिवहन के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को एक वास्तविकता बना सकती है। मधुमक्खी पालक चुनौती और वास्तव में अवसर पैदा करते हैं, इसलिए हमारी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनानी चाहिए कि सुविधाएँ जरूरतमंद लोगों तक पहुँचें। ऐसे कई लोग हैं जिनके पास बहुत सारा पैसा है जो सरकार द्वारा लागू किए गए धन के बल पर उन तक पहुंचता है, वे इसे अपने धन के बल पर प्राप्त करते हैं, लेकिन वास्तव में जिसकी आवश्यकता है वह है धन। कई गरीब लोग हैं जो गरीबी में जी रहे हैं और हमारी सरकार आवास योजना चला रही है।
उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अमन श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि सरकार जो भी योजनायें निकालती हैं गरीबों को उसका लाभ नहीं मिलता है पैसे वालों को ही योजनायें मिलती हैं
बेटों की चाह में बार-बार अबॉर्शन कराने से महिलाओं की सेक्शुअल और रिप्रोडक्टिव लाइफ पर भी बुरा असर पड़ता है। उनकी फिजिकल और मेंटल हेल्थ भी खराब होने लगती है। कई मनोवैज्ञानिको के अनुसार ऐसी महिलाएं लंबे समय के लिए डिप्रेशन, एंजायटी का शिकार हो जाती हैं। खुद को दोषी मानने लगती हैं। कुछ भी गलत होने पर गर्भपात से उसे जोड़कर देखने लगती हैं, जिससे अंधविश्वास को भी बढ़ावा मिलता है। तो दोस्तों आप हमें बताइए कि * -------आखिर हमारा समाज महिला के जन्म को क्यों नहीं स्वीकार पाता है ? * -------भ्रूण हत्या और दहेज़ प्रथा के आपको क्या सम्बन्ध नज़र आता है ?
जन्म से आठ साल की उम्र तक का समय बच्चों के विकास के लिए बहुत खास है। माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है। आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में 'बचपन मनाओ-बढ़ते जाओ' कार्यक्रम सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में दबाएं नंबर 3.
अगर आपको भी गुस्सा आ रहा है, तो उसे शांत करने के है कई तरीके | सुनिए इस कहानी को, और जानिये कि गुस्से को कैसे कर सकते है कम |