उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है की नीति निर्माण भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है। नीति निर्माण भारतीय लोकतंत्र के लिए एक चुनौती है , हालांकि अपराध और राजनीति सह - अस्तित्व में हैं , लेकिन हाल के दशकों में इसके विकास ने लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए खतरे पैदा कर दिए हैं । राजनीतिक दलों में आपराधिक तत्वों का लगातार बढ़ना भारतीय राजनीति के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है । राजनीति और अपराध का गठजोड़ हमारे देश में चिंता का विषय बन गया है । उच्चतम न्यायालय ने भी समय - समय पर ऐसे कार्यों को प्रतिबंधित करने के लिए दिशा - निर्देश दिए हैं ।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है राजनीति का अपराधीकरण चिंता का विषय है। भारत में राजनीति का अपराधीकरण एक बढ़ती प्रवृत्ति है । यह चिंता का विषय बन गया है कि बड़ी संख्या में निर्वाचित अधिकारी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं , जिससे राजनीतिक प्रणाली में जनता का अविश्वास हो रहा है और यह धारणा है कि राजनेता कानून से बचने के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं । राजनीतिक क्षेत्र में आपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्ति भी शामिल हैं , जिसमें अपराधी संसद और राज्य विधानसभाओं में पदों के लिए चुनाव लड़ने और निर्वाचित होने में सक्षम हैं ।

उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से राजकिशोरी सिंह मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही है अभी भी कई बच्चों को पर्याप्त पौष्टिक भोजन प्राप्त करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।मध्यम आय वाले देशों में कई बच्चों को विभिन्न सामाजिक - आर्थिक और पर्यावरणीय कारणों से पर्याप्त पौष्टिक भोजन प्राप्त करने में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है , जिससे कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है । सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है

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उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारे एक श्रोता से बात किया उन्होंने बताया की चुनावी बॉन्ड के मुद्दे और चुनाव आयोग के इस्तीफे के विपरीत सबसे बड़ी बात यह है कि चुनाव आयोग का इस्तीफा ऐसे समय में दिया जाता है जब चुनाव नजदीक आते हैं , क्योंकि दूसरी बात यह है कि राजनीतिक दान के लिए बैंकों द्वारा जारी किए गए बॉन्ड खरीदे जाते हैं । उनका नाम सार्वजनिक करने की जहमत क्यों उठाई जाए जैसे कि चुनाव के समय या सामान्य समय में चुनावी बॉन्ड खरीदना आदि

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि अपनी स्वतंत्रता के बारे में महिलाओं की स्थिति बहुत खराब है क्योंकि आज लोग नहीं चाहते कि हमारी पत्नियां स्वतंत्रता के साथ रहें और स्वतंत्रता के साथ काम करें जो कि उनका अपना मन है । आप जहां चाहें आ सकते हैं क्योंकि अब लोगों की यह धारणा है कि हमारी महिलाएं जो हमसे कुछ भी नहीं करने के लिए कहने के बाद बाहर आती हैं , उन्हें बिना पूछे करना पड़ता है , सबसे पहले , माता - पिता । बच्चों को उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबंधित किया जाता है , लेकिन यह उनकी स्वतंत्रता को प्रभावित करता है । फिर , धीरे - धीरे , जब वे शादी करते हैं , तो उनके ससुराल वाले उन्हें नियंत्रित करते हैं । ऐसी चीजें हैं जो की जानी चाहिए जैसा कि हम कहते हैं , नारी आजाद न तो पहले है और न ही आज है क्योंकि जब वह अपने दिमाग से कुछ नहीं कर सकती , तो नारी के अलावा स्वतंत्रता क्या है ? महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी , क्योंकि जब महिलाएं सशक्त होंगी तो महिलाएं अपने लिए कदम उठाएंगी , नौकरी करेंगी और हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की पूरी स्वतंत्रता होगी । लेकिन माता - पिता या हम अपने बच्चों के लिए डरते हैं जो जंगली जानवरों की तरह घूम रहे हैं कि उन पर हमला न किया जाए या हमारी बेटियों को नुकसान न पहुंचाया जाए ।

गांव की दलित बस्ती में रहने वाले 50 घरों के लोगों को आने जाने के लिए रास्ते की तलाश है। कच्चे चकरोड पर आवागमन में दुश्वारियां झेलने की विवशता खजनी गोरखपुर।। ब्लॉक क्षेत्र के रूद्रपुर ग्रामसभा की दलित बस्ती में रहने वाले लगभग 50 परिवार के लोगों को आवागमन में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। विशेषकर बारिश के मौसम में मिट्टी और कीचड़ से भरे मार्ग पर आवागमन दूभर हो जाता है। लगभग 20 वर्ष पहले गांव के काली मंदिर स्थान से दलित बस्ती तक जाने के लिए बनाया गया सीसी रोड संपर्क मार्ग भी टूट फूट कर क्षतिग्रस्त हो गया है। रास्ते की समस्या के कारण छोटे बच्चे स्कूलों में पढ़ने नहीं जा पाते हैं। बरसात के दिनों में घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गांव के निवासी रामपलट, अमन, मोतीलाल, सत्येंद्र चंद,उपेंद्र,राहुल, जितेंद्र, मनीष, प्रेमशंकर, विनोद आशीष सहित दर्जनों लोगों ने बताया कि रास्ते की समस्या से ग्रामप्रधान,स्थानीय जनप्रतिनिधियों ब्लॉक और तहसील पर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, किंतु किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। आजादी के 76 वर्ष बाद भी हमें आने जाने के लिए रास्ता नहीं मिल पा रहा है।

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