उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अदिति श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आत्महत्या का शाब्दिक अर्थ है जानबूझकर अपनी मौत का कारण बनने के लिए खुद को मारना । आत्महत्याएँ अक्सर अवसाद के कारण होती हैं । आत्महत्याएँ आर्थिक , राजनीतिक , मनोवैज्ञानिक आदि के कारण हो सकती हैं । अवसादग्रस्तता विकार , शराब या मादक द्रव्यों के सेवन जैसे मानसिक विकार जिम्मेदार हो सकते हैं । आत्महत्याएँ तनाव के कारण होती हैं । वित्तीय कठिनाई , पारस्परिक कठिनाइयों जैसे तनाव कारक अक्सर आत्महत्या की रोकथाम के प्रयासों , आग्नेयास्त्रों तक पहुंच को सीमित करने , मानसिक बीमारी का इलाज करने और नशीली दवाओं के उपयोग को रोकने में भूमिका निभाते हैं । आज तक आत्महत्या करने का सबसे आम तरीका फांसी लगाना , कीटनाशक और जहर पीना और खुद को गोलियों से मारना है । पुरुषों और महिलाओं में आत्महत्या के मामले में भारत दसवें स्थान पर है ।
गोरखपुर अनाज मंडी भाव 4 मार्च
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उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अदिति श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि मानसिक स्वास्थ्य और तनाव से संबंधित मुद्दे आत्महत्या के मुख्य कारण हो सकते हैं , जैसे कि अवसाद , अंधविश्वास , या मानसिक बीमारी वाले व्यक्ति में आत्महत्या के विचार हो सकते हैं । आत्मसम्मान या सामाजिक अलगाव की स्थिति भी इसे बढ़ा सकती है । राजनीतिक दबाव भी व्यक्तियों को आत्महत्या की ओर धकेल सकता है । आपको आर्थिक नौकरी छूटने या सामाजिक असुरक्षा का भी अनुभव हो सकता है ।
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महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के साप्ताहिक शिविर में सामूहिक स्वच्छता अभियान चला एवं बौद्धिक गोष्ठी आयोजित हुई। खजनी गोरखपुर।। राष्ट्रीय सेवा योजना के साप्ताहिक शिविर में क्षेत्र के वीर बहादुर सिंह पीजी कॉलेज हरनहीं महुरांव की राष्ट्रीय सेवा योजना के तीन प्रमुख इकाईयों महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी,वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के द्वारा एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन उदा सिंह पूर्व माध्यमिक विद्यालय परिसर महुरांव हरनहीं में किया गया। कार्यक्रम के दौरान पीजी कॉलेज के स्वयंसेवक और सेविकाओं ने विद्यालय परिसर की सफाई की तथा परिसर के सुंदरीकरण के लिए क्यारियों का निर्माण कर उसमें आकर्षक फूल पत्तियां तथा औषधीय पौधे लगाए। साथ ही ग्रामवासियों को स्वच्छता का महत्व बताते हुए सामूहिक स्वच्छता अभियान चलाया और गांव के सार्वजनिक संपर्क मार्गों पर बिखरे कूड़े कचरे की सफाई की। अपराह्न पर्यावरण संरक्षण पर बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कार्यक्रम प्रभारी डॉक्टर पुष्पा पांडेय ने स्वयंसेवक विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पर्यावरण को साफ सुथरा रखने के लिए अपने आसपास नियमित सफाई रखना आवश्यक है। अपने आसपास के वातावरण को तरोताजा और स्वच्छ रखने के लिए तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण,पौधों की रक्षा पर ध्यान देना,जलाशयों की सफाई, जल का सदुपयोग,पॉलिथीन का सामूहिक बहिष्कार करना और लोगों को इसके लिए जागरूक करना आवश्यक है। इस दौरान कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर अरुण कुमार नायक, युसूफ आजाद प्राध्यापक सुमंत मौर्य,श्रीनारायण त्रिपाठी,डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, डॉक्टर पुष्पा मिश्रा,नसीम बानो, शैलेंद्र कुमार आदि ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया। इस अवसर पर पीजी कॉलेज की तीनों इकाईयों के स्वयंसेवक विद्यार्थी तथा अन्य लोग मौजूद रहे।
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