जिला मुख्यालय के ठाकुरबाड़ी रोड स्थित महर्षि मेंही सत्संग मंदिर के सभागार में सत्संगी, समाजसेवी व धर्म प्रेमियों की सामाजिक बैठक अखिल भारतीय सत्संग महासभा सदस्य सह जिला सहायक मंत्री डा. अमन कुमार के अध्यक्षता एवं राजीव कुमार के संचालन में संपन्न हुई। जिसमें देश-दुनिया के संत-महात्माओं व महापुरुषों एवं संत सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के अनमोल विचारों को जन-जन में पहुंचाने के उद्देश्य से दो दिवसीय विश्वस्तरीय संतमत सत्संग-सह-विराट ज्ञान यज्ञ आयोजन की तैयारी को लेकर गहन विचार-विमर्श किया गया। जानकारी साझा करते हुए जिला सहायक मंत्री डा. अमन कुमार ने कहा कि 10 एवं 11 मार्च 2024 को सुपौल नगर परिषद स्थित चकला निर्मली में आयोजित विराट ज्ञान यज्ञ में महर्षि मेंही ब्रह्म विद्यापीठ, हरिद्वार उत्तराखंड के अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत परम पूज्य स्वामी व्यासानंद जी महाराज बतौर मुख्य प्रवचनकर्त्ता के रूप में शामिल होंगे। कहा कि 05 फरवरी 2024 को यज्ञ स्थल चकला निर्मली में ध्वजारोहण किया जाएगा। इस अवसर पर सुबह के 09 बजे महर्षिं मेंही सत्संग मंदिर ठाकुरबाड़ी रोड से शोभा यात्रा निकलकर महावीर चौक, मल्लिक चौक, गांधी मैदान, अंबेडकर चौक, लोहिया नगर चौक से गुजरते हुए चकला निर्मली होकर यज्ञ स्थल पर पहुंचेगी। इसमें सैकड़ों की संख्या में सत्संग प्रेमी भाग लेंगे। विराट ज्ञान यज्ञ की सफलता को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। बैठक में मानिक बाबा, आजाद बाबा, सत्संग मंदिर अध्यक्ष दिलीप साह, मंत्री वासुदेव चौधरी, राजीव कुमार, भगवान दत्त चौधरी, नारायण पौद्दार, सत्यनारायण शर्मा, तारकेश्वर प्रसाद सिंह, दुर्गा प्रसाद चौधरी, डा. सत्यप्रकाश मल्लिक, श्यामसुंदर ठाकुर, सुनील भारती, हरिशंकर चौधरी, बैद्यनाथ चौधरी, धवेंद्र कुमार, रामचन्द्र मंडल, देवनारायण यादव, दामोदर प्रसाद गुप्ता, रामगोपाल चौधरी, लाल बहादुर साह, मंटुन मंडल, अवधेश कुमार, स्वीटी कुमारी, छाया कुमारी, दिनेश मंडल, सत्यनारायण चौधरी, डा. सुरेन्द्र कुमार, योगेन्द्र चौधरी, मनोज गुप्ता, संतोष जयसवाल, सर्वेश कुमार, मो. शाहिद हुसैन, मदन कुमार मंडल, गुरु प्रसाद गुप्ता आदि ने बढ़-चढ़ कर भाग लिए।

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बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2024 (मंगलवार) को पूर्वाह्न 11:45 बजे से सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कुलपति ने कहा कि राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से दिए गए निदेशों का ससमय अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया तेज करने के निदेश दिए।

बीएनएमयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में 30 जनवरी, 2024 (मंगलवार) को सभी संकायाध्यक्षों एवं विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागाध्यक्षों की बैठक संपन्न हुई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय का मूल परिसर प्रशासनिक परिसर और नया परिसर शैक्षणिक परिसर कहलाएगा। प्रशासनिक परिसर में सभी कार्यालय रहेंगे और शैक्षणिक परिसर में विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों का संचालन होगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रशासनिक परिसर में संचालित हो रहे केंद्रीय पुस्तकालय तथा शिक्षाशास्त्र विभाग तथा पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग को अविलंब शैक्षणिक परिसर में हस्तांतरित किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यूएमआईएस कंपनी से अब तक किए गए नामांकन, पंजीयन एवं परीक्षाफल सहित सभी कार्यों का डेटा हार्ड कापी एवं एक्सेल में लिया जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नैक के नाम पर पैसे की बर्बादी नहीं की जाएगी। पहले विगत पांच वर्षों का डेटा जमा किया जाएगा और शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा। आवश्यक तैयारियों के बाद ही नैक का एसएसआर अपलोड कराया जाएगा। कुलपति ने राज्यपाल सचिवालय एवं राज्य सरकार और विश्वविद्यालय से दिए गए निदेशों का ससमय अनुपालन सुनिश्चित करने के निदेश दिए। उन्होंने कहा कि वे नियम संगत कार्यों में पूरी मदद करेंगे, लेकिन किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस अवसर पर डीएसडब्ल्यू प्रो. नवीन कुमार, कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, परीक्षा नियंत्रक शशिभूषण, एवं उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव और विभिन्न विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

बीएनएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. आर. के. पी. रमण ने मंगलवार को नवनियुक्त कुलपति प्रो. बी. एस. झा से शिष्टाचार भेंट की। पूर्व कुलपति ने नवनियुक्त कुलपति को बधाई दी। दोनों ने विश्वविद्यालय के समग्र शैक्षणिक उन्नयन हेतु विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव आदि उपस्थित थे।

महात्मा गाँधी सत्य एवं अहिंसा के पुजारी थे।‌ उन्होंने हमें एक बेहतर दुनिया बनाने का रास्ता दिखाया है। उनके बताए रास्ते पर चलकर ही हम दुनिया को महाविनाश से बचा सकते हैं। उनके विचार हमेशा के लिए प्रासंगिक हैं।यह बात बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति प्रो. बी. एस. झा ने कही। वे मंगलवार को प्रशासनिक परिसर अवस्थित गाँधी प्रतिमा स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन गाँधी के 77वें शहादत दिवस के अवसर पर किया गया।

सुप्रसिद्ध समाजवादी नेता महामना भूपेन्द्र नारायण मंडल की 121 वां जन्मोत्सव समारोह 1 फरवरी (गुरूवार) को मनाया जाएगा। बीएनएमयू के उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि सर्वप्रथम पूर्वाह्न 11:00 बजे भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि की जाएगी। तदुपरांत दीक्षा स्थल पर कुलपति प्रो. बी. एस. झा की अध्यक्षता में भूपेंद्र नारायण मंडल के जीवन एवं दर्शन पर परिचर्चा होगी।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस के अवसर पर आज यहां जिला परिषद के मैदान में बापू स्मारक के निकट सीपीआई, इप्टा एवं एआईएसएफ के संयुक्त तत्व अवधान में समाजसेवियों शिक्षाविदों एवं रंग कर्मियों ने बापू के स्मारक पर पुष्पांजलि कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। कहा कि बापू हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा है l

वर्षों से सड़क जर्जर नहीं दे रहा है कोई ध्यान, नमस्कार आप सुन रहे हैं सुपौल मोबाइलवाणी और मैं हूं आपके साथ रोशन ।जी हां आपको बता दे की निर्मली प्रखंड क्षेत्र के महुआ और मझारी को जोड़ने वाली सड़क मार्ग वर्षों से जर्जर अवस्था में है,लिहाजा लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।आपको यह भी बता दे की उक्त सड़क मार्ग से ही निर्मली प्रखंड मुख्यालय तक लोग आते हैं चुकी महुआ रसुआर होते हुए निर्मली आने वाली सड़क में तिलयूगा नदी के समीप पुल क्षतिग्रस्त है ।लिहाजाही पुल पर आवाजाही में प्रशासन ने रोक लगा रखा है, इसलिए मात्र एक रास्ता निर्मली आने के लिए महुआ मझारी है जो वर्षों से जर्जर अवस्था में है।

नगर पंचायत निर्मली में नल जल योजना का नहीं मिल पा रहा है लाभ ,नमस्कार आप सुन रहे हैं सुपौल मोबाइल वाणी और मैं हूं रोशन ।बिहार सरकार नल जल योजना के पीछे करोड़ों रुपए खर्च कर रही है लेकिन नगर पंचायत निर्मली के वार्ड संख्या 07 में जनता को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि लाखो करोड़ो रुपए की लागत से जलमिनार टावर बनाया गया है ताकि यहां के लोगों को नल का जल मिल सके। लेकिन जल मीनार बनने के बाद आधिकारिक उदासीनता के कारण अब तक चालू नहीं हो पाया है ।जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है ,लोगों ने नगर पंचायत के अधिकारी से उक्त मामले को संज्ञान में लेने को कहा और जल्द से जल्द नल का जल मुहैया कराने की बात कही।